इस साल के सातवें हफ्ते की टीआरपी में इंडिया न्यूज फिर उसी स्थान पर पहुंच गया है जहां पर वह था. हालांकि वह अब भी न्यूज नेशन से आगे है. एबीपी न्यूज और जी न्यूज ने तगड़ी छलांग लगाकर अपना पुराना तीसरे व चौथे स्थान वाला रुतबा हासिल कर लिया है. इंडिया न्यूज लगातार दो हफ्तों से नंबर तीन पर रहने के बाद अब पांचवें पोजीशन पर आ गया है. न्यूज नेशन अब भी इंडिया न्यूज से पीछे है और छठें स्थान पर है.
न्यूज24 और आईबीएन7 को तो जैसे लगता है काठ मार गया हो. ठंढी खत्म होने के बावजूद ये अपनी जगह से हिलने डुलने को तैयार नहीं हैं. लंबे चौड़े प्रयोगों खर्चों रिलांचिंग के खेलों के बावजूद ये दोनों चैनल नीचे से ही टाप फाइव में बने हुए हैं. हालांकि इनकी मंशा उपर से टाप फाइव में आने की है लेकिन इनके अरमान दिल में ही दम तोड़ने को मजबूर हैं, काफी समय से.
एक खास बात इस हफ्ते की टीआरपी में ये भी है कि आजतक और इंडिया टीवी के बीच फासला काफी घट गया है. आजतक को पूरे 1.1 का नुकसान हुआ है और इंडिया टीवी ने 0.8 की ग्रोथ हासिल की है जिससे दोनों के बीच फासला इतना कम रह गया है कि घटने बढ़ने का यही रफ्तार रहा तो अगले हफ्ते इंडिया टीवी नंबर वन की पोजीशन पर पहुंच सकता है.
देखें सातवें हफ्ते की टीआरपी के आंकड़े..
Weekly Relative Share: Source: BARC, HSM, TG:CS15+,TB:0600Hrs to 2400Hrs, Wk 7
Aaj Tak 16.7 dn 1.1
India TV 15.2 up 0.8
ABP News 12.1 up 1.3
Zee News 11.4 up 1.3
India News 11.0 dn 1.1
News Nation 9.3 dn 0.6
News 24 8.6 dn 0.3
IBN 7 6.0 dn 0.1
NDTV India 3.3 up 0.4
Tez 3.0 same
DD News 2.9 dn 0.7
TG: CSAB Male 22+
Aaj Tak 16.3 up 0.5
India TV 15.3 up 1.2
Zee News 13.5 up 1.8
ABP News 12.1 up 0.7
India News 10.9 dn 1.6
News 24 8.2 dn 0.9
News Nation 7.7 dn 1.1
IBN 7 6.2 up 0.1
NDTV India 4.2 up 0.6
Tez 3.0 dn 0.5
DD News 2.4 dn 0.9
इसके पहले वाले हफ्ते की टीआरपी जानने के लिए नीचे क्लिक करें :
Asshok Kumar
February 26, 2016 at 1:58 pm
Congratulations to Zee news
gagan
February 27, 2016 at 3:16 pm
सुभाष चंद्रा जी जाग जाओ अभी भी समय है – पूरे मामले की जाँच करो
‘शटडाउन जी न्यूज’ का मुहिम तो हों सकता है चलानी पड़े| ‘शटडाउन जी पंजाब हरयाणा हिमाचल ‘ की मुहिम तो ज़ी पंजाब हरयाणा हिमाचल के संपादक दिनेश शर्मा ने कब से शुरू की हुई है | दिनेश शर्मा ने “ज़ी पंजाब हरयाणा हिमाचल” को बर्बाद करने में कोई कसर नही छोड रखी , परन्तु ज़ी के मालिक सुभाष चंद्रा को सब दिखाई ही नही देता कि दिनेश सब बर्बाद कर रहा है | पता नही क्यों मालिक लोग आंखे मूंदे बैठे है | क्यों उनको दिखाई नही देता कि दिनेश शर्मा ने संपादक पद सँभालते ही पुराने स्टाफ को निकलना शुरू कर दिया | यह वो स्टाफ था जिस ने “ज़ी पंजाब हरयाणा हिमाचल” को कामयाब करने के लिए ना दिन देखा – ना रात | पूरा किस्सा कुछ इस तरह है , कि जब ज़ी पंजाबी और पी टी सी न्यूज़ अलग लग हुए तो कई दिन ज़ी पंजाबी बंद रहा , ज़ी पंजाबी में काम करने वाले पुराने लोग भी पी टी सी न्यूज़ में थे , उनको वापिस बुला कर परवीन विक्रांत और नवल सागर की देख-रेख में ज़ी पंजाबी की शुरूआत की गई , कुछ ही दिनों में ज़ी पंजाबी अपनी पकड़ पंजाब और विदेश में बनाने लगा | पी टी सी न्यूज़ पंजाब की बादल सरकार का चैनल है , उसकी साख कम होने लगी तो बादल सरकार ने पंजाब में ज़ी पंजाबी को आफ एयर कर दिया , ज़ी पंजाबी केबल नेटवर्क पर पंजाब में दिखाई देना बंद हों गया , बेशक ज़ी पंजाबी पंजाब में बंद हों गया था और अढ़ाई साल तक बंद ही रहा परन्तु फिर भी ज़ी पंजाबी में काम करने वाले किसी भी स्टाफ के सदस्य , रिपोर्टर , पंजाब में काम करने वाले स्टिंगर ने ज़ी ग्रुप को ना छोड़ा , सब लगन से काम करते रहे | अढ़ाई साल बाद “ज़ी पंजाब हरयाणा हिमाचल” पंजाब में केबल नेटवर्क पर चलना शुरू हुआ | संपादक संजे वोहरा , आउटपुट परवीन विक्रांत , इनपुट नवल सागर की देखरेख में “ज़ी पंजाब हरयाणा हिमाचल” आगे ही बढ़ता गया , दूसरी तरफ एक तरफा हों कर पूरा दिन-रात बादल सरकार के गुणगान करने के कारण पी टी सी न्यूज़ की साख गिरती गई | वक्त बदला संजे वोहरा के स्थान पर ज़ी ग्रुप ने ज़ी न्यूज़ के एक रिपोर्टर दिनेश शर्मा को “ज़ी पंजाब हरयाणा हिमाचल” का संपादक बना कर बन्दर के हाथ उस्तरा थमा दिया | दिनेश शर्मा ने ज़ी मालिकों से वादा किया कि एक साल में पन्द्रह करोड़ का बिज़नस ला कर दिखाऊंगा , उसी वादे कि साथ दिनेश शर्मा ने अपनी मनमानियां शुरू कर दी | सुभाष चंद्रा ने सब कुछ देखते हुए भी अपनी आंखे बंद रखी , क्योंकि उनको तो बस पैसे चाहिए था वो कैसे भी आये | दिनेश शर्मा ने स्टाफ को गन्दी गन्दी गालियां देना शुरू कर दिया , पुराने लोगों को निकलना शुरू कर दिया | रिपोर्टर जो पुराने समय से साथ थे उनको निकलना शुरू कर दिया , और तो और स्टिंगर जो लंबे समय से काम कर रहे थे उनको भी निकाल दिया | नया नाकाबिल स्टाफ भर्ती किया बस उनकी काबलियत ये कि वो दिनेश शर्मा के चहेते थे , चैनेल धीरे धीरे पंजाबी से हिन्दी होता जा रहा है , विदेशों में वसे पंजाबी दर्शकों ने अपना मुँह मोडना शुरू कर दिया | आप पार्टी के लोगों को अधिक दिखाया जा रहा है | काबिल लोग निकाल दिए , जिन को कसी कारण दिनेश शर्मा निकाल नही पाया उनको हररोज तंग किया जा रहा है , जिस से उनका दम घुट रहा है बस परिवार की मज़बूरी के चलते काम पे आ रहे है कुछ इस्तीफा दे के जा चुके है कुछ आने वाले दिनों में चले जाएगें , दिन रात अब स्टाफ वाले सुभाष चंद्रा को कोस रहे है कि जागो और “ज़ी पंजाब हरयाणा हिमाचल” को बचा लो नही तो दिनेश शर्मा “ज़ी पंजाब हरयाणा हिमाचल” को फिर से शटडाउन करवाके छोडेगा |
gagan
February 27, 2016 at 3:17 pm
[u]सुभाष चंद्रा जी जाग जाओ अभी भी समय है – पूरे मामले की जाँच करो[/u]
‘शटडाउन जी न्यूज’ का मुहिम तो हों सकता है चलानी पड़े| ‘शटडाउन जी पंजाब हरयाणा हिमाचल ‘ की मुहिम तो ज़ी पंजाब हरयाणा हिमाचल के संपादक दिनेश शर्मा ने कब से शुरू की हुई है | दिनेश शर्मा ने “ज़ी पंजाब हरयाणा हिमाचल” को बर्बाद करने में कोई कसर नही छोड रखी , परन्तु ज़ी के मालिक सुभाष चंद्रा को सब दिखाई ही नही देता कि दिनेश सब बर्बाद कर रहा है | पता नही क्यों मालिक लोग आंखे मूंदे बैठे है | क्यों उनको दिखाई नही देता कि दिनेश शर्मा ने संपादक पद सँभालते ही पुराने स्टाफ को निकलना शुरू कर दिया | यह वो स्टाफ था जिस ने “ज़ी पंजाब हरयाणा हिमाचल” को कामयाब करने के लिए ना दिन देखा – ना रात | पूरा किस्सा कुछ इस तरह है , कि जब ज़ी पंजाबी और पी टी सी न्यूज़ अलग लग हुए तो कई दिन ज़ी पंजाबी बंद रहा , ज़ी पंजाबी में काम करने वाले पुराने लोग भी पी टी सी न्यूज़ में थे , उनको वापिस बुला कर परवीन विक्रांत और नवल सागर की देख-रेख में ज़ी पंजाबी की शुरूआत की गई , कुछ ही दिनों में ज़ी पंजाबी अपनी पकड़ पंजाब और विदेश में बनाने लगा | पी टी सी न्यूज़ पंजाब की बादल सरकार का चैनल है , उसकी साख कम होने लगी तो बादल सरकार ने पंजाब में ज़ी पंजाबी को आफ एयर कर दिया , ज़ी पंजाबी केबल नेटवर्क पर पंजाब में दिखाई देना बंद हों गया , बेशक ज़ी पंजाबी पंजाब में बंद हों गया था और अढ़ाई साल तक बंद ही रहा परन्तु फिर भी ज़ी पंजाबी में काम करने वाले किसी भी स्टाफ के सदस्य , रिपोर्टर , पंजाब में काम करने वाले स्टिंगर ने ज़ी ग्रुप को ना छोड़ा , सब लगन से काम करते रहे | अढ़ाई साल बाद “ज़ी पंजाब हरयाणा हिमाचल” पंजाब में केबल नेटवर्क पर चलना शुरू हुआ | संपादक संजे वोहरा , आउटपुट परवीन विक्रांत , इनपुट नवल सागर की देखरेख में “ज़ी पंजाब हरयाणा हिमाचल” आगे ही बढ़ता गया , दूसरी तरफ एक तरफा हों कर पूरा दिन-रात बादल सरकार के गुणगान करने के कारण पी टी सी न्यूज़ की साख गिरती गई | वक्त बदला संजे वोहरा के स्थान पर ज़ी ग्रुप ने ज़ी न्यूज़ के एक रिपोर्टर दिनेश शर्मा को “ज़ी पंजाब हरयाणा हिमाचल” का संपादक बना कर बन्दर के हाथ उस्तरा थमा दिया | दिनेश शर्मा ने ज़ी मालिकों से वादा किया कि एक साल में पन्द्रह करोड़ का बिज़नस ला कर दिखाऊंगा , उसी वादे कि साथ दिनेश शर्मा ने अपनी मनमानियां शुरू कर दी | सुभाष चंद्रा ने सब कुछ देखते हुए भी अपनी आंखे बंद रखी , क्योंकि उनको तो बस पैसे चाहिए था वो कैसे भी आये | दिनेश शर्मा ने स्टाफ को गन्दी गन्दी गालियां देना शुरू कर दिया , पुराने लोगों को निकलना शुरू कर दिया | रिपोर्टर जो पुराने समय से साथ थे उनको निकलना शुरू कर दिया , और तो और स्टिंगर जो लंबे समय से काम कर रहे थे उनको भी निकाल दिया | नया नाकाबिल स्टाफ भर्ती किया बस उनकी काबलियत ये कि वो दिनेश शर्मा के चहेते थे , चैनेल धीरे धीरे पंजाबी से हिन्दी होता जा रहा है , विदेशों में वसे पंजाबी दर्शकों ने अपना मुँह मोडना शुरू कर दिया | आप पार्टी के लोगों को अधिक दिखाया जा रहा है | काबिल लोग निकाल दिए , जिन को कसी कारण दिनेश शर्मा निकाल नही पाया उनको हररोज तंग किया जा रहा है , जिस से उनका दम घुट रहा है बस परिवार की मज़बूरी के चलते काम पे आ रहे है कुछ इस्तीफा दे के जा चुके है कुछ आने वाले दिनों में चले जाएगें , दिन रात अब स्टाफ वाले सुभाष चंद्रा को कोस रहे है कि जागो और “ज़ी पंजाब हरयाणा हिमाचल” को बचा लो नही तो दिनेश शर्मा “ज़ी पंजाब हरयाणा हिमाचल” को फिर से शटडाउन करवाके छोडेगा |