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उत्तर प्रदेश

आगरा के लेखक, पत्रकार और गीतकार उदित साहू नहीं रहे

आगरा : ‘उदित’ साहू के नाम से ख्यात वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार कामता प्रसाद साहू का गुरुवार रात को निधन हो गया। वह कुछ दिनों से बीमार थे। गुरुवार रात करीब नौ बजे घर में उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय तक अमर उजाला बरेली के संपादकीय प्रभारी रहे। न्यू आगरा कालोनी निवासी उदित साहू का जन्म सन् 1934 में नाई की मंडी में हुआ था।

<p>आगरा : ‘उदित’ साहू के नाम से ख्यात वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार कामता प्रसाद साहू का गुरुवार रात को निधन हो गया। वह कुछ दिनों से बीमार थे। गुरुवार रात करीब नौ बजे घर में उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय तक अमर उजाला बरेली के संपादकीय प्रभारी रहे। न्यू आगरा कालोनी निवासी उदित साहू का जन्म सन् 1934 में नाई की मंडी में हुआ था।</p>

आगरा : ‘उदित’ साहू के नाम से ख्यात वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार कामता प्रसाद साहू का गुरुवार रात को निधन हो गया। वह कुछ दिनों से बीमार थे। गुरुवार रात करीब नौ बजे घर में उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय तक अमर उजाला बरेली के संपादकीय प्रभारी रहे। न्यू आगरा कालोनी निवासी उदित साहू का जन्म सन् 1934 में नाई की मंडी में हुआ था।

साल 1969 में वह अमर उजाला बरेली संस्करण के संपादकीय प्रभारी बने। इसके बाद साल 1994 तक इस पद पर रहे। इससे पहले, वह आगरा से निकलने वाले दैनिक ‘सैनिक’ में भी कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। यहां से सेवानिवृत्त होने के बाद भी उनका जुड़ाव साहित्य और पत्रकारिता से बना रहा। वह आगरा कालेज और आगरा विश्वविद्यालय स्थित पत्रकारिता संस्थान केएमआई में अध्यापन करते रहे।

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रंगकर्मी जितेंद्र रघुवंशी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह हिंदी की अभिव्यक्तिपरक बारीकियों के बड़े जानकार थे। आगराटुडे.इन के संपादक ब्रज खंडेलवाल ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि मृदुभाषी ‘उदित’ केवल पत्रकार ही नहीं बल्कि कई अन्य प्रतिभाओं के भी धनी थे। वह कुशल साहित्यकार, आलोचक और विचारक भी थे।

मीडियाभारती.कॉम के संपादक धर्मेंद्र कुमार ने उनसे जुड़ी स्मृतियों को याद करते हुए कहा कि उदित साहू ने अपने छात्रों के रूप में पत्रकारिता की एक पूरी पीढ़ी अपने पीछे छोड़ी है जो निश्चित रूप से उनकी विधा को आगे बढ़ाने का काम करेगी। साहू जी के आलेख प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं। वह गीतकार, विचारक और आलोचक भी थे। उन्होंने नंददास की समीक्षा समेत कई पुस्तकें लिखीं। पत्नी संतोष और दो पुत्र सीमंत साहू व सोमनाथ साहू और तीन पुत्रियों का भरा पूरा परिवार शोक संतृप्त है।

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