Connect with us

Hi, what are you looking for?

उत्तर प्रदेश

यूपी चुनाव में उगाही के लिए टारगेट घोषित, एक पत्रकार ने दिया इस्तीफा

यूपी चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियों का बजट अरबों रुपये का है. खासकर सत्ताधारी पार्टी पानी की तरह पैसा बहाने की तैयारी में है. मीडिया घराने इस पैसे से अपना हिस्सा ज्यादा से ज्यादा निकालना चाहते हैं. इसके लिए कवायद शुरू हो गई है. खबर है कि जी ग्रुप की तरफ से यूपी के सभी रिपोर्टरों की मीटिंग बुलाकर उगाही का टारगेट दे दिया गया है.

जी मीडिया के एक सीईओ दिलीप तिवारी ने यूपी के रिपोर्टरों को भारी भरकम टारगेट दिया है और हर एक जिले से जमकर पैसे लाने के लिए कहा गया है. जी मीडिया के सीईओ की वसूली की शर्तों से पत्रकारों में दहशत है. पर नौकरी जाने के भय से कोई कुछ बोल नहीं रहा है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

जानकारी मिली है कि एक रिपोर्टर ने इन अवैध शर्तों को मानने से इनकार कर दिया और अपना इस्तीफा सीईओ के मुंह पर मार दिया. जी मीडिया का ये रिपोर्टर मैनपुरी का बताया जाता है. सूत्रों के मुताबिक जी मीडिया के लिए मैनपुरी में कार्यरत आशुतोष मिश्रा उगाही के दबाव व शर्तों से काफी आहत थे. उन्होंने सीईओ दिलीप तिवारी की शर्तों को मानने से इनकार कर दिया और मीटिंग में ही संस्थान को इस्तीफा सौंप दिया.

आशुतोष की मैनपुरी के तेजतर्रार रिपोर्टरों में गिनती की जाती है आशुतोष उस वक्त चर्चा में आए थे जब न्यूज18यूपी में रहते हुए उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का इंटरव्यू किया किया था. आशुतोष अब नई पारी की शुरुवात कहाँ से करेंगे, इस बात की कोई जानकारी नहीं मिल पाई है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

उधर लखनऊ से खबर आ रही है कि जी यूपी की वसूली बैठक में Network 18 का एक चर्चित रिपोर्टर भी बुलाया गया. ये रिपोर्टर सत्ता का काफी करीबी और रसूखदार माना जाता है. Zee यूपी की वसूली बैठक लखनऊ में हुई जिसमें स्ट्रिंगरों को बुलाया गया था. बैठक में चुनावों के दौरान पार्टियों से वसूली पर मंथन हुआ. बैठक में नेटवर्क18 के रिपोर्टर के मौजूद रहने की लखनऊ मीडिया में ख़ूब चर्चा है.

नेटवर्क 18 का रिपोर्टर उस गेस्ट हाउस में भी मौजूद रहा जहां ज़ी मीडिया से जुड़े संपादक ठहरे थे. नेटवर्क 18 का रिपोर्टर रविवार शाम 5 बजे से लगातार एयरपोर्ट तक ज़ी यूपी के संपादकों के साथ मौजूद रहा. भरी बैठक में ज़ी यूपी के रिपोर्टर्स को 250 करोड़ का टार्गेट बताया गया. ज़िलों में काम करने वाले एक रिपोर्टर को एक एक माह में 50-50 लाख रुपए का टार्गेट दिया गया है. नेटवर्क 18 के रिपोर्टर का भाई भी एक ज़िले का स्ट्रिंगर है और वह भी बैठक में मौजूद था.

Advertisement. Scroll to continue reading.

लखनऊ से एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement