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सकारात्मक ऊर्जा से लबालब व्यक्तित्व था उषा श्रीवास्तव का!

राजीव सिंह-

उषा श्रीवास्तव ने आठवें दशक में बनारस के ‘दैनिक आज’ अखबार के साप्ताहिक मैगज़ीन से पत्रकारिता की शुरुवात की।

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मैं बनारस में रह गया, उषा दिल्ली आ गईं।

‘आज’ बनारस के उप-सम्पादक की पगडंडी से चल कर हिंदी पायनियर का सम्पादक बन उन्होंने दिल्ली जनपथ पर बनारस का परचम फहराया। उनकी पत्रकारिता के जज़्बे सलाम ।

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बिंदास, हँसमुख, सकारात्मक ऊर्जा से लबालब व्यक्तित्व था उषा का। मुस्कुराते हुए स्वागत करना और मुस्कुराते हुए विदा करना उनकी आदत में शुमार था।

उषा का यकायक जाना मेरे लिए और उषा को जानने वालों के लिए एक बड़ा सदमा है।

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भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।

-राजीव सिंह
वरिष्ठ पत्रकार
[email protected]

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उषा श्रीवास्तव को श्रद्धांजलि

-आलोक पराड़कर-

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जिन दिनों मैंने बनारस में ‘आज’ से पत्रकारिता की शुरुआत की, उषा श्रीवास्तव Usha Srivastava जी उस समय फीचर विभाग में कार्यरत थीं। अक्सर उनसे मिलना होता। हमेशा उत्साह से भरा हुआ ही पाया उन्हें। फिर वे दिल्ली आ गई और मैं लखनऊ।

हमारा संपर्क सोशल मीडिया तक सिमट कर रह गया। कुछ समय पूर्व उनके अस्वस्थ होने का समाचार मिला था लेकिन वे इस प्रकार अचानक छोड़कर चली जाएंगी, सोचा न था!

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आलोक पराड़कर
पत्रकार
[email protected]

मूल खबर-

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पायोनियर हिंदी की संपादक ऊषा श्रीवास्तव का निधन

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