सेवानिवृति के तुरंत बाद नियमों के मुताबिक, आवेदन करने की तारीख से 30 दिन के अन्दर कर्मचारी को उसकी ग्रेच्युटी का भुगतान कर दिया जाता है। अगर नियोक्ता ऐसा नहीं करते हैं तो उसे ग्रेच्युटी राशि पर साधारण ब्याज की दर से ब्याज का भुगतान करना होता है अगर यदि नियोक्ता कंपनी ऐसा नहीं करती है तो उसे ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम के उल्लंघन का दोषी माना जाता है।
मगर देश का प्रमुख समाचार पत्र दैनिक जागरण प्रबंधन अपने कुछ कर्मचारियों को उनकी ग्रेच्युटी भुगतान करने में खूब परेशान कर रहा है। इन कर्मचारियों को परेशान करने की वजह है कि उन्होंने माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेश के अनुसार मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार अपना वेतन और बकाया मांग लिया।
खबर है कि वाराणसी में दैनिक जागरण से अपने हक के लिए 2013 से मजीठिया वेतनबोर्ड व ग्रेच्युटी के लिए जागरण के पूर्व कर्मचारी संजय सेठ, अरविंद मिश्रा, बाबूलाल श्रीवास्तव,और अन्य लोग लगे हुए हैं। ग्रेच्युटी के लिए वाराणसी में बार बार श्रम आयुक्त द्वारा तारीख पर तारीख दिया जा रहा हैं जिसके कारण गुरुवार को संजय सेठ, बाबू लाल, और अरविंद मिश्रा श्रमायुक्त कार्यालय बनारस मे धरने पर बैठ गए।
इससे पहले भी वे धरने पर बैठ चुके हैं लेकिन अधिकारी फिर भी तारीख पर तारीख दे रहे है ।आने वाले दिनों मे ये धरना प्रदर्शन और तेज होगा को उसी के तहत गुरुवार को धरने पर बैठे थे । इस दौरान उनके एडवोकेट अजय मुखर्जी व आशीष टंडन भी धरने के दौरान मौजूद थे।
शशिकान्त सिंह
पत्रकार और आरटीआई कार्यकर्ता
9322411335
raghav chenan
August 26, 2022 at 4:18 pm
This is common tndency of all print media house all over the India. This is not first metter came from media house in rajasthan also is there happeing Idias no.1 news paper RAJASTHAN PATRIKA ALSO doing the same not given the wages board and some persons have not yet received the ful and final payment after 3-4 years. so this is common practice of print media houses.