यूं तो ज़ी मीडिया नेटवर्क के कोरोना हब बनने की कहानी किसी से छिपी नहीं है कि कैसे पहले एक ड्राइवर और फिर एक डेस्क के कर्मचारी ने ज़ी के पूरे आफिस में कोरोना फैला दिया. लेकिन कोरोना के इस दौर में वो कर्मचारी तो खुशनसीब रहे जिनका लोकल पता नोएडा या गाजियाबाद का था. क्योंकि उनको दिल्ली और गाजियाबाद के प्रशासन ने सरकारी ख़र्च पर इलाज करवाया और ज्यादातर ठीक हो गए.
अब ज़ी का मैनेजमेन्ट इन ठीक हुए कर्मचारियों पर जल्द आफिस जॉइन करने का दबाव बना रहा है. वहीं ज़ी के जिन कर्मचारियों का लोकल पता दिल्ली का था उनमें अधिकांश को अस्पताल ही नहीं मिल पाया. ये बेचारे खुद काढ़ा पी और सेल्फ मेडिकेशन से दवाई ले अपने ठीक होने की उम्मीद लिए घर में कोरन्टीन होने पर मजबूर हैं..
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इन कर्मचारियों की दूसरी जांच, जिससे ये पता चल सके की इनकी रिपोर्ट नेगेटिव हुई या नहीं, न दिल्ली सरकार करवा रही है और न ज़ी मीडिया मैनेजमेंट इनकी तरफ ध्यान दे रहा है….
ज़ी के दिल्ली में रहने वाले एक कर्मचारी जो कोरोना संक्रमण का शिकार था, उसने लिखा है-
मैं अपनी बात करूं तो मेरी जांच काफी रिक्वेस्ट करने पर ज़ी न्यूज़ की एचआर ने ना नुकर के बाद करवाई क्योंकि मेरे अंदर कोई लक्षण नहीं थे लेकिन मैं कोरोना संक्रमितों के लगातार संपर्क में था…. मेरी रिपोर्ट पोजिटिव आने पर दिल्ली सरकार ने होम कोरन्टीन रहने को कहा…. 15 दिन से अधिक से होम कोरन्टीन हो खुद सेल्फ मेडिकेशन से इलाज कर रहा हूँ….अब मैं पाजिटिव से निगेटिव हुआ या नहीं, भगवान ही जानते हैं क्योंकि न सरकार दोबारा जांच करा रही, न आफिस…. यहां तक कि आफिस के वाट्सअप ग्रुप को एडमिन राइट पर कर दिया गया है ताकि कोई कर्मचारी ग्रुप में समस्या न लिख दे और फोन करने पर एचआर का टका सा जवाब कि जब आपको कोई लक्षण या दिक्कत नहीं तो आप ठीक हो गए हो और आफिस आ जाओ… अगर मैं हकीकत में नेगेटिव या ठीक नहीं हुआ हूँ तो खुद के साथ ही अपने कलीग्स के लिए भी खतरा हूं, यहाँ तक कि मकान मालिक भी दबाव डाल रहा है कि जांच करवाओ कि क्या रिपोर्ट रही पर हमारी गलती इतनी है हम दिल्ली में रहते हैं जहां न सरकार न संस्थान कोई साथ नहीं हमारे…
बताया जा रहा है कि इन लोगों से कहा गया है कि अगर अब लक्षण न हो तो आफिस आ सकते हैं जबकि इन कर्मचारियों के मन मे ये चिंता है कि जब तक दूसरी रिपोर्ट नेगेटिव न आ जाये तो वो खुद को ठीक कैसे मान लें…दिल्ली पते वाले इन कर्मचारियों की अगर दोबारा जांच नहीं होती है और इनमें से कोई भी दफ्तर जॉइन कर लेता है तो इनके द्वारा दूसरे कर्मचारियों में भी संक्रमण फैलने का खतरा रहेगा…. अब देखना ये होगा कि बड़े बड़े एच आर पालिसी के दावे करने वाला ज़ी का मैनेजमेंट इन कर्मचारियों की सुध लेता है या नहीं……..
Ankita kumari
June 17, 2020 at 8:18 pm
ऊपर लिखा हुआ बात पूरी तरह से गलत है दिल्ली में रहने वाले का टेस्ट भी ज़ी मैनेजमेंट ही करवा रही है मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज में..आज कल भड़ास झूठ का अड्डा बन गया है..यशवंत सर कृपया सही खबर छापा कीजिये ..