ज़ी न्यूज की पीड़िता जीनत सिद्दीक़ी ने सभी से मदद की अपील की है. पिछले कई दिनों से जीनत ज़ी प्रबंधन के खिलाफ सेक्सुअल हैरेसमेंट की शिकायत को लेकर डटकर लड़ रही हैं. सिस्टम और ताकत के आगे उनकी FIR तक दर्ज नहीं की जा रही है. भड़ास4मीडिया ने भी इस बहादुर लड़की की लड़ाई में एक छोटा सा सहयोग किया है, आप भी जीनत की मदद कर सकते हैं. नीचे उनके लिखे ट्वीट हैं, और मदद भेजने का माध्यम भी..
मेरे प्यारे दोस्तों सोचा तो नहीं था कि जीवन में ये दिन भी आएंगे, मुझे इस तरह की बेबसी महसूस होगी, पुलिस पर दबाव आपके सामने है।
ये बात सच है कि मेरी लड़ाई अकेले मेरी नहीं रह गई, ये कहानी बहुत सी अनगिनत बच्चियों की है, ZEE जैसे बड़े संस्थान से लड़ने के लिए न तो मेरे पास पैसे हैं और न ही उतना बड़ा रसूख-ताक़त।
मेरी अपील है कि आप मुझे आर्थिक मदद करें, अब मुझे कानूनी मदद लेनी होगी, इस लड़ाई मे मेरा साथ दें, मैं जल्द लड़कियों के लिए एक LEGAL FIRM शुरु करूंगी जिससे की हम अन्य बच्चियों को भी काऩूनी मदद मुहैया करा सकें।
आपके साथ का इंतज़ार रहेगा, मैं आपके साथ अपनी अकाउंट DETAILS साझा कर रही हूं ताकि आप मेरी मदद कर सकें।
BANK- STATE BANK OF INDIA
NAME-ZEENAT
A/C NO-36240578605
IFSC CODE-11551
ACCOUNT-SAVING
GOOGLE PAY/PHONE PE-9716857990
UPI-ID FOR GOOGLE PAY – zeenat957@oksbi
UPI-ID FOR PHONE PE- 9716857990@axl
NOTE-मैं हर TRANSACTION DETAIL आप लोगों के साथ साझा करती रहूंगी।
कार्यस्थल पर महिला सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है, दफ्तर चाहे कोई हो, महकमा चाहे कोई है, हमें देश की हर बेटी को बताना होगा कि संविधान ने उन्हें कितनी शक्तियां दी हैं, हमें बताना होगा बेटियों को अपनी जागीर समझने वालों को की देश की संसद में बने कानून को आप यूं ही कूड़े के ढेर में नहीं फेंक सकते। महिलाओं बेटियों की सुरक्षा के लिए बड़ा कैंपेन चलाना होगा, आप लोगों का साथ ही मेरी ताक़त है, आपकी भेजी एक-एक पाई का इस्तेमाल देश की हर ज़रूरतमंद बच्ची के लिए होगा।
FIR का अभी भी इंतज़ार है। अंदाज़ा लगाईए पुलिस कितनी मजबूर और दबाव में होगी। क्या आपको हैरानी नहीं हो रही कि माननीय सीएम योगी आदित्यनाथ जी के सख़्त दिशा निर्देशों के बावजूद पुलिस सुनवाई नहीं कर रही। बेटियों की सुरक्षा अब भगवान भरोसे लगती है।
बेटियां गोश्त का लोथड़ा भर नहीं..
बेशक वक्त आ गया है कि हम सब मिल कर एक दूसरे का हाथ थामें और बेटियों के लिए एक सुरक्षित माहौल तैयार करें, जहां वो बिना झिझक के काम कर सके, अपने हिस्से का खुल कर बोल सकें, अपने हिस्से का खुल कर हस सके। हर दफ्तर के लिए नीयम बनाना होगा कि लड़कियों की नौकरी के पहले ही दिन आप POSH की HANDBOOK उसके हाथ में दें। बेटियां गोश्त का लोथड़ा भर नहीं उनमें भी जीवन है। मेरा सहयोग करें, मैं जल्द आप लोगों के बीच आकर इस क़ानून के बारे में आप लोगों को जागरुक करूंगी। मैं जल्द ही अपने विडियो के साथ आप लोगों के बीच आने वाली हूं।