संजय कुमार सिंह-
शोमैन सिनड्रोम
(भोजपुरी में इसे सुखले फुटानी कहा जाता है)
ऐसे खुशी मनाना जिसे समर्थक भी नहीं पचा पा रहे हैं।
जांबाजों ने कहा पाखंड
मोदी अब ‘हरेक सनातनी’ के भरोसे
कोट
हम शर्मिन्दा हैं। असंवेदनशीलता की हद। प्रधानमंत्री ने बेशर्मी की मिसाल पेश की है – कर्नल रोहित चौधरी, कांग्रेस पूर्व सैनिक विभाग के अध्यक्ष।

इसके मुकाबले, ‘जर्नलिज्म ऑफ करेज’ की टैगलाइन और रामनाथ गोयनका के नाम पर पत्रकारिता का पुरस्कार देने वाले इंडियन एक्सप्रेस की लीड का शीर्षक प्रचारक वाला है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ की रैलियों में प्रधानमंत्री ने कहा, विपक्ष सनातन को कुचल देना चाहता है, उसे रोकने की जरूरत है।
कहने की जरूरत नहीं है कि यह ऐसा मुद्दा नहीं है कि प्रधानमंत्री को इसके लिए बोलना पड़े। वैसे भी राजनीतिक मुद्दा है तो विपक्ष को जनता देख लेगी आप क्यों परेशान हैं। यही नहीं, विपक्ष ने ऐसा कुछ नहीं कहा है। विपक्षी समूह के एक नेता के एक बेटे ने (जो मंत्री भी है) कुछ कहा है जिसे प्रचारकों ने लपक लिया है और मुद्दा बनाने की कोशिश चल रही है। मीडिया का साथ है तो बन भी जायेगा पर इससे देश का भला नहीं होने वाला है और यह मतदाताओं को समझना होगा।