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आयोजन

बाबा कीनाराम जन्मोत्सव 31 अगस्त से 2 सितंबर तक चंदौली में, कई पत्रकार शिरकत करेंगे

अघोर-परम्परा का उद्गम, सृष्टि के निर्माण से ही है. दुनिया के मानचित्र में उत्तर-प्रदेश का चंदौली जिला इसके लिए विश्व-विख्यात है. ये बात यहां के निवासियों को भी, संभवतः, नहीं मालूम हो. कहा जाता है कि भगवान शिव इस दुनिया के पहले अघोरी थे. उत्तर-भारत में भगवान शिव को औघड़-दानी कहने का चलन बरसों पुराना है. अघोर परम्परा की बात करें तो तकरीबन 16वीं शताब्दी तक ये परम्परा सुसुप्तावस्था में रही. मगर 16वीं सदी के महान संत और अघोर-परम्परा के पुनरागामित-स्वरूप को पुनः प्रज्ज्वलित करने वाले वाराणसी जिले की तत्कालीन तहसील, चंदौली, (वर्तमान में जिला बन चुका है) के रामगढ़ नामक स्थान में जन्मे विश्व-विख्यात संत अघोराचार्य बाबा कीनाराम राम जी को (वर्तमान समय में ) इस परम्परा का जनक माना जाता है और (वाराणसी स्थित) उनकी तपोभूमि, “बाबा कीनाराम स्थल, क्री-कुण्ड” को इस परम्परा का सर्व-मान्य केंद्र-बिंदु.

अघोर-परम्परा का उद्गम, सृष्टि के निर्माण से ही है. दुनिया के मानचित्र में उत्तर-प्रदेश का चंदौली जिला इसके लिए विश्व-विख्यात है. ये बात यहां के निवासियों को भी, संभवतः, नहीं मालूम हो. कहा जाता है कि भगवान शिव इस दुनिया के पहले अघोरी थे. उत्तर-भारत में भगवान शिव को औघड़-दानी कहने का चलन बरसों पुराना है. अघोर परम्परा की बात करें तो तकरीबन 16वीं शताब्दी तक ये परम्परा सुसुप्तावस्था में रही. मगर 16वीं सदी के महान संत और अघोर-परम्परा के पुनरागामित-स्वरूप को पुनः प्रज्ज्वलित करने वाले वाराणसी जिले की तत्कालीन तहसील, चंदौली, (वर्तमान में जिला बन चुका है) के रामगढ़ नामक स्थान में जन्मे विश्व-विख्यात संत अघोराचार्य बाबा कीनाराम राम जी को (वर्तमान समय में ) इस परम्परा का जनक माना जाता है और (वाराणसी स्थित) उनकी तपोभूमि, “बाबा कीनाराम स्थल, क्री-कुण्ड” को इस परम्परा का सर्व-मान्य केंद्र-बिंदु.

बाबा कीनाराम जी से जुडी कई अदभुत और औलौकिक कथाएँ, आज भी लोगों की जुबां पर है. उनकी अतुलनीय आध्यात्मिक शक्ति, कईयों के जीवन का आधार बनी तो कई उनके श्राप के भागी बने ! कहते हैं , कि, अघोरी का इस सृष्टि पर पूर्ण नियंत्रण होता है लेकिन साथ में असीम करुणा और मानवता से भी लबालब होता है ! 1771 में महाराजश्री बाबा कीनाराम जी ने समाधिपूर्व ये आकाशवाणी की…कि…”इस पीठ (“बाबा कीनाराम स्थल, क्री-कुण्ड”) की 11वी गद्दी पर बाल रूप में, मैं पुनः आउंगा और इस पीठ का पूर्ण जीर्णोद्धार कराउंगा…..” तो क्या किसी को आभास था कि ये सब होगा ? पर कहते हैं कि …औघड़-अघोरेश्वर खुद चलते-फिरते शिव होते हैं…और जब बात खुद शिव के मनुष्य रूप में आये महाराजश्री बाबा कीनाराम जी की हो तो …ये तो होना ही था …

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10 फरवरी 1978 को ये अविस्मरनीय घटना घटी …वो भी…इस चरम वैज्ञानिक युग में !  एकदम बाल अवस्था…..मात्र 9 साल की उम्र में शिव स्वरुप अघोराचार्य महाराजश्री बाबा कीनाराम जी का पुनः आगमन हुआ ….अघोराचार्य बाबा सिद्धार्थ गौतम राम जी महाराज के रूप में ! बाबा सिद्धार्थ गौतम राम जी, वर्तमान में इस विश्व-विख्यात अघोर पीठ के 11वें पीठाधीश्वर के रूप में विराजमान हैं! आध्यात्मिक जगत में ये बेहद अविश्वसनीय-अलौकिक और अद्भुत घटना थी!

31 अगस्त तथा 1 व् 2 सितंबर 2016 को “अघोरपीठ, रामशाला, रामगढ़, चंदौली” में आयोजित 3 दिवसीय कार्यक्रम, “बाबा कीनाराम जन्मोत्सव” का न सिर्फ आध्यात्मिक और सामाजिक सरोकार होगा बल्कि अघोर-परंपरा के आधुनिक-स्वरुप के जनक कहे जाने वाले बाबा कीनाराम जी के पुनरगामित स्वरुप, अघोराचार्य महाराजश्री बाबा सिद्धार्थ गौतम राम जी का (रामगढ़ की) इस धरा पर आगमन भी होगा ! सारी दुनिया की निगाहें इस कार्यक्रम पर रहेंगी ! इस अवसर पर देश के गणमान्य-नागरिकों और नामी कलाकारों की उपस्थिति में संपन्न होने वाली गोष्ठी व् सांस्कृतिक कार्यक्रम, बाबा कीनाराम-जन्मोत्सव, में आप सादर आमंत्रित हैं!

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Prominent Speaker

S.P.Singh :- Deputy Bureau (Delhi) “Dainik Jagran”
Justice S.B.Singh:- Allahabad High-Court
Yashwant Singh :- Editor-in-Chief – “Bhadas4Media”
Jayshankar Gupta:- Executive Editor- “Deshbandhu”
Devanshu:- Senior Producer-  “Aaj Tak”
Girish Chandra Tripathi :- Vice Chancellor, B.H.U.
Vinay Rai :- “APN News”
Justice C.V. Vajpayee:- Chattisgarh High-Court
Dr. Deenanath Tiwari:- Ex Vice Chancellor Ghasidas University & Formally at Planning Commission
Kumar Pankaj:- Special Correspondent- “Outlook”
S.N.Uaadhyay:- Former Director I.I.T. BHU
P.S.Ojha:- Director:- “Jaiv Urja” , U.P. Government
Pradeep Singh:- Former Editor, “Jansatta”
Virendra Singh :- Director- Central Ware Housing Corporation
Yadunaath Dubey:- Vice-Chancellor, “Sampoornanand Sanskrit Univeristy”
N.K.Singh:- Former Editor, “Dainik Bhaskar”
Ramkripal Singh:- Former Editor, “Navbharat Times”
R.K.singh:- Advocate, “Bombay High-Court”

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निवेदक
अघोरपीठ, रामशाला, रामगढ़
चंदौली
उत्तर प्रदेश

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