प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टेबल पर पड़ी ब्लैकमनी को ह्वाइट करने वाली एनडीटीवी के मालिक प्रणय राय की फाइल ने करामात दिखाना शुरू कर दिया है. मोदी खांटी नेता हैं. वे किसी चीज का देर तक और दूर तक इस्तेमाल करते हैं. कांग्रेसी, वामपंथी और आपाइयों का पसंदीदा चैनल कहे जाने वाला एनडीटीवी इन दिनों चोला बदल रहा है. इसके पीछे कारण चिदंबरम-प्रणय राय वाली फाइल है जिसमें इन लागों के कारनामों का डिटेल है.
मनमोहन राज में चिदंबरम और प्रणय राय ने मिलकर उस आईआरएस अधिकारी एसके श्रीवास्तव को हद से ज्यादा टार्चर किया था जिसने इनकी पोल खोली थी. मोदी सरकार आने के बाद एनडीटीवी के मालिकों की काली कमाई वाली फाइल तेजी से आगे बढ़ने लगी और अब मोदी के पास है. एनडीटीवी वाले बड़े बड़े पत्रकार अरुण जेटली के जरिए लॉबिंग में लगे हैं कि मोदी इस फाइल को ठंढे बस्ते में डाल दें लेकिन मोदी इतनी आसानी से कहां मानने वाले. वे पूरा हिसाब करना चाहते हैं. प्रणय राय ने घुटने टेकते हुए अब मोदी के रंग में चैनल को रंगने का काम शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में चैनल के बड़े पदों से पुराने लोगों को हटाया जा रहा है ताकि ये ट्रांजीशन-ट्रांसफारमेशन का काम तेजी से आगे बढ़ सके और किसी को सैद्धांतिक दिक्कत पेश न आए.
एनडीटीवी के ग्रुप सीईओ विक्रम चंद्रा को चैनल ने पद से हटा दिया है. हालांकि विक्रम चंद्रा ने खुद ट्वीट करते हुए कहा है कि वे ग्रुप सीईओ के पद से हट गए हैं और कंसल्टिंग एडिटर बने रहेंगे. पढ़िए विक्रम चंद्रा का ट्वीट : Vikram Chandra @vikramchandra : Change is good and change is here! Stepping down as Group CEO of NDTV. Will now be Consulting Editor, so can focus on my TV shows and other areas of interest. ज्ञात हो कि चंद्रा के पास बिजनेस और एडिटोरियल दोनों की संयुक्त जिम्मेदारियां थीं. एनडीटीवी में ग्रुप सीईओ के पद पर एनडीटीवी के एक्जीक्यूटिव वाइस चेयरपर्सन के.वी.एल. नारायण राव आसीन होंगे. सूत्रों का कहना है कि आगे आने वाले दिनों में चैनल के कुछ चर्चित चेहरों को किनारे लगाया जा सकता है और कुछ नए एंकर्स को तवज्जो दी जा सकती है.