प्रिय यशवंत जी
आपके वेब पोर्टल भड़ास4मीडियाडॉट कॉम पर आज चैनल c10 न्यूज़ के मालिकों में विवाद को लेकर एक लेख पब्लिश किया गया जो कि सीधे तौर पर एक तरफा दिखाई दिया.
चैनल के मालिकों में विवाद और उसके कारण जांच का विषय है लेकिन इस लेख में यह कहा गया कि उस आफिस में हुई चोरी की घटना के लिए विवेक पाठक यानी कि मेरा नाम भी बताया गया है.
इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हमको दोनों ही पक्ष या कोई कानूनी सबूत के साथ ही इस तरह के आरोप लगाए जा सकते हैं, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. मुझे लगता है भड़ास4मीडिया एक जिम्मेदार संस्था है और ऐसे में बिना तथ्य और कानूनी जानकारी के किसी के बारे में गैर जिम्मेदार लिखना सवाल खड़ा करती है।
या तो इस मामले में मेरा पक्ष या कानूनी परिस्थितियों का आंकलन किया जाना चाहिए अन्यथा ऐसी स्थिति में कानूनी कार्यवाही की मेरा अंतिम विकल्प रह जाता है।
विवेक पाठक
संपादक, भड़ासमीडिया
मैं नीरज मिश्रा सी 10 में सिर्फ 10 दिन कार्यरत था। मुझे सुभाष शर्मा जी ने एज ए न्यूज़ हैड नियुक्त किया था। जब मैंने न्यूज़ चैनल की हालत देखी तो वहां सिर्फ समाजवादी पार्टी का गुणगान होता था बाकी सभी पार्टियों को सिरे से नकार दिया जाता था।
सुभाष शर्मा ने हमें पत्रकारिता का धर्म निभाने को कहा जिस में चैनल न्यूट्रल तरीके से चलाना था।उनके कहे अनुसार मैंने ऐसा किया भी। इससे चैनल के दूसरे मालिक मनीष यादव जी जो सिर्फ समाजवादी पार्टी की खबरें चलवाया करते थे उन्हें परेशानी हुई। जिसके बाद उन्होंने कई बार मुझे बुलाकर समाजवादी पार्टी के फेवर में खबरें चलाने को कहा चूंकि चुनावों का दौर था और मनीष यादव जी को समाजवादी पार्टी के फेवर में हवा बनानी थी जिसके कारण और किसी भी पार्टी की ख़बरें चैनल में नहीं चलाई जाती थी। लेकिन मेरे ज़मीर ने ऐसा करने की गवाही नहीं दी।
5 मार्च को मैंने संस्थान छोड़ दिया। फिर अचानक मुझे पता चला कि मनीष यादव ने 2 लोगों को हमारे खिलाफ प्लान करके ग़लत गतिविधियों में हमारा नाम शामिल किया। जिसका प्रूफ मेरे पास है किस तरीके से पुलिस की मिलीभगत से हम दोनों का नाम जबरदस्ती इसमें शामिल किया गया।
नीरज मिश्रा
दोनों पक्षों द्वारा उपलब्ध कराए गए वीडियो आडियो देखें-
मूल खबर ये है-