दीपांकर पटेल-
abp न्यूज़ की लिमिट लेस चाटुकारिता…
बिहार का आदमी दिल्ली में ख़बर भले बेच ले, फसल नहीं बेच सकता…
ये बात abp न्यूज में काम करने वाले बिहार के पत्रकारों को भी पता है.
लेकिन सरकार की चाटकर साफ़ करना है, तो वही काम लिमिट लेस करने के लिए नया अवतार ले लिया है.
विवेक सत्य मित्रम-
Limitless पत्रकारिता (प्रॉपेगेंडा)!
ABP News ने निभाया अपना वादा।
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Vinod Chand की दो एफबी पोस्ट का संजय कुमार सिंह ने अनुवाद किया है, पढ़ें-
कमजोर विपक्ष किसानों को भ्रमित कर दे रहा है… यह आश्चर्यजनक है कि 85% मीडिया नियंत्रण में होने, विपक्ष को सिर्फ 15% चुनावी बांड से धन मिलने, भाजपा आईटी-सेल के पास अच्छी और शक्तिशाली ट्रोल सेना होने के साथ गोदी मीडिया की सेवा और सरकारी एजेंसियों, संवैधानिक संस्थाओं की पूरी सेवा मिलने और लेने के बावजूद मामूली सा विपक्ष किसानों को भ्रमित कर दे रहा है।
विपक्ष, मोदी को ऐतिहासिक फैसले लेने से रोक दे रहा है जिसके बारे में सबको पता है कि साथी पूंजीपतियों को अमीर बनाने के अलावा बाकी सबको गरीब बना देगा। इसके बावजूद यह विपक्ष जो चुनाव लड़ता है, हार जाता है। जय हो ईवीएम बाबा की।
क्यूंकि कांग्रेस+गाय = भाजपा !!
क्यूंकि इंदिरा गांधी ने नोटबंदी नहीं की थी (उनके शासन में सबसे बड़ा नोट 100 का था) इसलिए नरेन्द्र मोदी को करना पड़ा (और 1000 की जगह 2000 का नोट ले आए)।
कांग्रेस ने जीएसटी लागू नहीं किया (इसका गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी ने जोरदार विरोध किया था), नरेन्द्र मोदी को करना पड़ा ।
क्यूंकि कांग्रेस ने मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) शुरू की और मोदी को बेवकूफी लगी लेकिन मोदी को जारी रखना पड़ा।
क्यूंकि कांग्रेस ने फार्म एक्ट का मसौदा तैयार किया लेकिन उसे लागू नहीं किया या कानून नहीं बनाया – इसलिए मोदी को करना पड़ा ।
मुझे आश्चर्य है कि फिर हमने मोदी को किसलिए चुना? जब उन्होंने लगभग सात साल में कुछ भी नया नहीं किया है।
यहां तक कि बाबरी मस्जिद को गिराना / ताले खोलना कांग्रेस ने किया था या उसके शासन में हुआ। मोदी ने इतना भर किया कि काम पूरा हो गया।
कश्मीर में धारा 370 को खत्म करने के लिए कांग्रेस ने कदम दर कदम काम किया था और किसी ना किसी तरह इसे भी कर दिया होता मौजूदा मुश्किलों के बिना। यहां तक कि इसमें ऐसा कुछ भी नहीं है जो मोदी ने कांग्रेस का अनुसरण नहीं किया।
वास्तव में अगर आप भाजपा और कांग्रेस को करीब से देखेंगे तो पाएंगे कि वे लगभग एक ही काम कर रहे हैं। कांग्रेस ने भी मोदी को फलने-फूलने दिया और गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो पूरी मनमानी करने दी और वो जो हैं वह सब बनने करने दिया। संघवाद और कानून अपना काम करेगा के नाम पर कांग्रेस इन आरोपों से बच नहीं सकती। कांग्रेस ने रात में किया है, बीजेपी दिन दहाड़े कर रही है।
और अरुण शौरी ने सही ही कहा है : भाजपा = कांग्रेस+गाय।
कांग्रेस समर्थक मुझसे नाराज न हों क्योंकि मैं जो कह रहा हूं देखा और भोगा हुआ सत्य है। अगर गलत हूं तो साबित करें।
नोट : आबादी में 80% हिन्दू हैं और चुनाव जीतना जरूरी है, इसलिए हर राजनीतिक दल अपनी समझ से ऐसा कुछ नहीं करेगा जिससे हिन्दू नाराज हों। कांग्रेस मुसलमानों के प्रति कुछ हद तक उदार होने के कारण पहले ही उसकी कीमत चुका रही है और मतदाताओं के ध्रुवीकरण का फल भोग रही है। अब यह मुसलमानों के करीब नहीं रह या देखी जा सकती है।
मुझे दुख इस बात का है कि कोई भी राजनीतिक पार्टी संविधान के साथ नहीं है जबकि उनमें से प्रत्येक उसी की शपथ लेते हैं। अगर भिन्न पार्टियां संविधान के साथ होतीं और आम लोगों को समानता, बंधुता, न्याय की आवश्यकता के बारे में शिक्षित करतीं तो आज हमारी समस्याएं कुछ कम होतीं।