मुम्बई। एक महिला पत्रकार के अश्लील एमएमएस को वायरल करने के आरोप में नागपुर पुलिस ने मुम्बई के 27 पत्रकारों पर शिकंजा कसा है। इन पत्रकारों पर आरोप है कि इन्होंने महाराष्ट्र विधान सभा के बजट सत्र में यह वीडियो क्लिप आपस में बांटी थी। पुलिस ने इन पत्रकारों को आज़ाद मैदान पुलिस स्टेशन में बुलाया था। अब सबको अगले माह नागपुर की अदालत में उपस्थित होना पड़ेगा। इन पर सायबर अपराध की धरा ५९ और ६० के तहत मामला दर्ज हुआ है।
बताया जाता है कि दैनिक भास्कर में कार्यरत आशुतोष शर्मा ने 2012 में नागपुर की एक महिला पत्रकार को शादी का वायदा कर उसके साथ सम्बन्ध बनाये। इसी दौरान उसने महिला के साथ अंतरंग क्षणों की वीडियो क्लिप बना ली और उसे एक पोर्न साइट में अपलोड कर दिया। कुछ लोगों का कहना है कि यह वीडियो क्लिप दोनों की सहमति से बने थे। आशुतोष के बारे में बताया जाता है कि वह यह सब करने के बाद मुंबई से भाग गया। बाद में वह नोयडा में एक मार्केटिंग कंपनी में काम करने लगा। सूत्रों के मुताबिक उसने किसी दूसरी लड़की से शादी कर ली। एक रोज उसकी पत्नी ने उस वीडियो क्लिप को पति के लैपटॉप में देखा तो जाने उसे क्या सूझा कि उसने इस वीडियो क्लिप को पति के फेसबुक से उस महिला पत्रकार को खोज कर दे दिया।
वह महिला पत्रकार 2013 में मुम्बई के एक हिंदी दैनिक में रिपोर्टर के बतौर काम करने लगी। विधानसभा का नागपुर सत्र कवर करने के बाद वह जब दफ्तर लौटी तो उसके लैपटॉप में उसका जीमेल खुला रहा और जीमेल ड्राइव से किसी ने वह क्लिप निकाली। बाद में बजट सेशन में वह वीडियो वायरल कर दी गयी। पीड़िता ने इस सिलसिले में कई लोगों पर शक जताया।
पुलिस ने पोर्नसाइट से क्लिप डिलीट करवाने के बाद कनाडा से वायरल वीडियो की पूरी रिपोर्ट मंगाई जिसमें यह सिद्ध हुआ कि फ़रवरी २०१६ तक क्लिप को सिर्फ ६५० लोगों ने देखा था लेकिन उसके बाद इसे एक लाख साठ हज़ार लोगों ने देखा। जिन सताईस लोगों के मोबाइल से सर्वधिक ट्रेफिक वेबसाईट में गया, उन्हें पुलिस ने आरोपित किया है। इनमें कुछ के नाम हैं यदु जोशी, विक्रांत जोशी, प्रफुल्ल सालुंखे, कमलेश सुतार, तुषार शेट्टे, मुर्तजा मर्चेन्ट, श्रीकांत जाधव, श्रीनारायण तिवारी, आदर्श मिश्र, ओमप्रकाश चौहान, हितेंद्र झा, ओपी तिवारी, चन्दन शिरवाले, नेहा पूर्व, गिरिराज सावंत, सोनू श्रीवास्तव, शशिकांत सांडभोर, दीपक कैटिके, राहुल जाधव आदि। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुलिस को बिना किसी दबाव के कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं। इसी के बाद इन पत्रकारों पर गाज़ गिरी है. अन्वेषण अधिकारी ब्राह्मणकर मामले की तफ्तीश कर रहे हैं.
वहीं खबर का एक और पहलू ये है कि पत्रकारों के पास कई किस्म के वीडियोज आते रहते हैं. यदा कदा आपस में ये वीडियोज शेयर भी करते हैं. साथ ही उनके जानने वाले जब वीडियोज के बारे में बात करके मांगते हैं तो उन्हें दे भी देते हैं. ऐसे में वीडियो बांटने के आरोप में एक साथ 27 पत्रकारों को आरोपी बनाना कितना सही है या कितना गलत है, यह मामला न्यायालय में तय होगा. बताया जाता है कि जिस शख्स ने क्लिप बनाया था वह इन दिनों नागपुर में जेल में है. इस प्रकरण में मुंबई के 27 पत्रकारों के नाम आने से मीडिया जगत में हलचल है.