टीवी मीडिया में बस ऐसे संपादकों का आना बाकी रह गया था… हिंदी खबर नामक चैनल का संपादक अतुल अग्रवाल अपनी हरकतों-करतूतों के भड़ास पर प्रकाशन से इतना बौखलाया कि उसने सोशल मीडिया पर लिखकर ऐलान कर दिया कि मिलोगे तो मारूंगा. देखें स्क्रीनशॉट-
अतुल अग्रवाल नित नए नए कांड करता रहता है और इसकी खबरें भड़ास पर छपती रहती हैं. इससे अतुल अग्रवाल भड़ास से बुरी तरह खुन्नस खाए है. उसने पहले नोएडा के साइबर क्राइम थाने में झूठी एफआईआर दर्ज कराई. ये तबकी बात है जब इसने ओयो कांड किया था. लूट की फर्जी कहानी गढ़कर पुलिस को बरगलाने की कोशिश करने वाले अतुल अग्रवाल ने पूरी रात ओयो होटल में गुजारी थी और रात में उसका लड़कियों से फोन पर बातचीत होती रही. इस कांड का जब पुलिस ने पर्दाफाश किया और अतुल अग्रवाल के झूठ को सबके सामने पेश कर दिया तो इससे संबंधित खबर भड़ास समेत कई जगहों पर छपी. अतुल अग्रवाल खुद को सुधारने की बजाय उसको लेकर जो खबरें छापता है, उसे ‘सुधारने’ की कोशिश में जुट जाता है. इसके लिए धमकी और फर्जी मुकदमा तक का रास्ता अपनाता है. अतुल ने साइबर क्राइम थाने में भड़ास पर मुकदमा दर्ज करा दिया.
इस कांड के बाद उसने एक ताजा ताजा कांड किया. अतुल अग्रवाल और उसके आफिस की महिला सहकर्मी का एक आडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें अश्लील बातचीत की जा रही है. इस आडियो को भड़ास ने इसलिए नहीं अपलोड किया क्योंकि ये दो लोगों के बीच सहमति से अश्लील बातचीत है. आडियो भड़ास पर अपलोड न किए जाने से संबंधित पाजिटिव खबर छपने के बाद अतुल अग्रवाल फिर से निगेटिव हो गया. उसने भड़ास एडिटर यशवंत की उन पुरानी पोस्ट्स को भड़ास से खोज खोज कर निकाला जिसमें उन्होंने कभी अपने उपर प्रेस क्लब आफ इंडिया में हुए हमले का जिक्र किया था और उससे संबंधित तस्वीरें डाली थीं. इन तस्वीरों और जेल जाने की कुछ तस्वीरों का कोलाज बनाकर अतुल अग्रवाल ने सोशल मीडिया पर डालकर यशवंत के बारे में उल्टा सीधा लिख डाला. देखें स्क्रीनशॉट-
जाहिर है, वह अपने तरीके से भड़ास और इसके एडिटर को इसलिए बदनाम करना चाहता था, इसलिए हर्ट करना चाहता था क्योंकि उससे संबंधित खबरें यहां छपती हैं. अतुल अग्रवाल की यशवंत विरोधी एफबी पोस्ट को जब यशवंत ने खुद ही अपने एफबी पेज पर शेयर कर दिया तो उसका दांव उल्टा पड़ गया. ऐसे में उसने पोस्ट ही डिलीट कर दी. देखें यशवंत ने क्या कुछ लिखकर अतुल के एफबी पोस्ट को अपने यहां शेयर किया…
इन दो खबरों के छपने से भड़ास एडिटर यशवंत पर फिर से भड़क गया अतुल अग्रवाल….
गाली देने में भी उस्ताद है ठरकी संपादक, देखें ये स्क्रीनशॉट
भड़ास पर ठरकी संपादक अतुल अग्रवाल का अश्लील आडियो अपलोड क्यों नहीं हुआ, जानिए वजह!
अतुल अग्रवाल द्वारा जब यशवंत को बदनाम करने के लिए उनकी पुरानी तस्वीरों (हमले के बाद घायल और जेल जाते हुए) का कोलाज और उनके खिलाफ अंटशंट बातें लिखकर सोशल मीडिया पर वायरल करने की कोशिश जब औंधे मुंह गिरी तो उसने फेसबुक से पोस्ट हटाकर एक नई पोस्ट लिखी जिसमें यशवंत का बिना नाम लिए लिखा कि अब तक गरियाया तुम्हें, अब जब मिलोगे तो मारूंगा….
उसकी इस पोस्ट का स्क्रीनशॉट भी यशवंत ने अपने फेसबुक वॉल पर कुछ यूं शेयर कर दिया-
ये है लिंक जिसमें एक वीडियो भी है-
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खुद को पीटे जाने की लिखित धमकी देने के इस प्रकरण के बारे में भड़ास एडिटर यशवंत ने कहा-
”हमलों से वो डरें जिन्हें जीने की चाह हो. भड़ास एक आत्मघाती मानसिकता के साथ शुरू किया गया था कि मीडिया के हिप्पोक्रेटों चोरों दलालों शोषकों को नंगा किया जाएगा, अंजाम चाहें जो हो. इसी कारण भड़ास पर दर्जनों मुकदमे हुए, हमला हुआ, क्या क्या न हुआ… पर भड़ास का मिशन रूका नहीं.. एक टीवी संपादक की हमला करने की धमकी टीवी जगत के सारे संपादकों के लिए खुली चुनौती है कि उनके बीच किस तरह एक अपराधी मानसिकता का आदमी संपादक बना बैठा है. ये धमकी योगी राज की कानून व्यवस्था को भी चुनौती है. कैसे एक टीवी संपादक अपनी खबर दूसरी जगह छपने से बौखला गया और मारने पीटने की धमकी देने लगा. ऐसी धमकियां पत्रकारों को पहले नेता ठेकेदार अफसर आदि देते थे जो खबरों के छपने से तिलमिला जाया करते थे. यह पहली बार है जब एक टीवी संपादक अपनी खबरों के छपने से जान से मारने की धमकी दे रहा है. उसकी धमकी से किसी यशवंत सिंह को नहीं बल्कि पूरे मीडिया जगत को डरना चाहिए कि आखिर कैसे मीडिया के शीर्ष पद पर एक अपराधी किस्म का आदमी पहुंच जाता है और सारे संपादक टुकुर टुकुर ताकते रह जाते हैं. जो खबरें दिखाने के धंधे में हैं, उन्हें अपनी खबरों के छपने पर जान से मारने की धमकी देने की मजबूरी आ जाती है तो ये बड़ी शर्मनाक स्थिति है. अतुल अग्रवाल की इस धमकी से भड़ास की मजबूती में इजाफा होगा और इस अपराधी की करतूतों का बेखौफ तरीके से भंडाफोड़ करने के काम को अब पूरे अभियान का रूप दे देना चाहिए, यही वक्त की मांग है. देखना है जोर कितना बाजू ए कातिल में है. बाहुबल से कलम को झुकाने का यह कोई पहला प्रयास नहीं है. जाने कितने पत्रकार शहीद हुए सच्चाई को बेखौफ लिखने के कारण. ऐसे अतुल अग्रवालों की धमकियों से सच कहने का सिलसिला न रुका था न रुकने वाला है. आज यशवंत सच लिख रहा है. कल ये न रहा तो कोई दूसरा यशवंत पैदा होगा साहस के साथ सच लिखने के लिए.”