मोहम्मद अनस-
बाप-बेटे भारत से पाकिस्तान गए हैं। उनके वीडियोज़ मेरी टाइमलाइन पर बहुत दिख रहे हैं। ये दोनों असल में सरकारी एजेंट हैं। जैसी ऊर्दू बाप बोल रहा है वैसी ऊर्दू हमारे लखनऊ में भी नहीं बोली जाती। ख़ालिस पाकिस्तानी हैं दोनों। एक पल के लिए अगर मान भी लें कि वे दोनों भारत से हैं तो मेरा उन्हें एवं उनसे सहानुभूति रखने वालों को जवाब है-

हम हिंदुस्तानी मुसलमान हैं। हमारी पूरी दुनिया हैं ये सरज़मीं। क़यामत तक हम यहीं रहेंगे। इस दुनिया में भारत से प्यारा कोई मुल्क़ नहीं। ठीक है, नाइंसाफी है। ज़्यादती है। सबके साथ है। कहीं बामन का क़त्ल हो रहा तो कहीं ठाकुर का। कहीं दलित का तो कहीं किसी बैकवर्ड का। हर सरकारी दफ्तर में ‘अपनों’ का ख़्याल रखने वाले उन्हीं अपनों से रिश्वत लेते हैं। जाति देख कर पैसा कम नहीं होता। माना की वर्तमान सरकार ने छुट्टा सांड खोल रखा है, लेकिन सांडों को काबू भी यही सरकार करती है।
अभी कल ही पाकिस्तान में ईद मिलाद के जुलूस में बम फोड़ा गया। 50 से ज़्यादा लोग मारे गए। पाकिस्तान क्यों बना, उसे बनाने वाले कौन थे, इस बहस में नहीं पड़ना चाहता। आज पाकिस्तान कहां है? किस चीज़ में हमारे मुल्क़ से आगे है? मनबढ़ ज़मीनदार और पैसे वाले मुसलमानों की ज़िंदगी देख लीजिए, और वहां के गरीब मुसलमान की। यही है मुस्लिम ब्रदरहुड? ये सरज़मीं हमारी है। हम मर जाएंगे। क़त्ल कर दिए जाएंगे, जो होगा, हो जाएगा, कभी किसी पाकिस्तान की हिमायत तो नहीं ही कर पाएंगे। नफरत नहीं है पाकिस्तान से, लेकिन हमें ऑप्शन दिया जाए पाकिस्तान का तो हम एक सेकेंड भी नहीं लगाएंगे उसे रिजेक्ट करने में।
आपको पाकिस्तान मुबारक हो। अल्लाह करे आपका मुल्क़ तरक्की करे। लेकिन हमें ये वतन पसंद है। आप दोनों भाग गए या किसी मिशन पे गए, पता नहीं। आप दोनों जो बातें कर रहे हैं वह झूठ भी नहीं, लेकिन फिर भी हमें आपसे रत्ती भर भी इत्तेफाक़ नहीं। आपको यहीं रहना था। अगर वाकई हिंदुस्तान के रहने वाले हैं तो। हम इस मुल्क़ में किसी भी दंगाई के बाप से भी नहीं डरते। सत्तार साल से ज़्यादा हो गया। मिटाने की तमाम कोशिशों के बाद भी, आज भी हमारे ही नाम से सरकारें चलती हैं। और क्या चाहिए भला। नमक हैं हम। घुल जाएं तो स्वाद बदल देते हैं।
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Comments on “ये दोनों बाप-बेटे असल में सरकारी एजेंट हैं, ख़ालिस पाकिस्तानी हैं दोनों!”
सौ फीसदी मुत्तफिक हूं आपसे,हर घर मे कहासुनी झगड़े होते हैं,जब चार बर्तन होंगे तो आवाज़ तो होगी ही,मगर पाकिस्तान से हज़ार गुना बेहतर है हमारा प्यारा मुल्क हिन्दोस्तान,
मुल्क से मुहब्बत और वफादारी आधा ईमान है
Anas agree with you.mit gay mujhko mitane wale.
बहुत अहसान है भाई आपका