लुधियाना : बेलन ब्रिगेड की तरफ से सर्कट हाउस में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया जिसमें विभिन्न संस्थाओं की महिलाओं ने हिस्सा लिया और समाज में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर चर्चा की गयी। इस अवसर पर बेलन ब्रिगेड की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीता शर्मा ने कहा कि आज समाज में महिलाओं के लिए शराब सबसे बड़ी समस्या है और जिसे पंजाब सरकार नशा नहीं मानती। आज महंगाई के युग में शराब गरीब महिलाओं के लिए एक श्राप है क्योंकि महिलाएं भूखी रह सकती हैं गरीबी में रूखी सूखी खाकर अपने बच्चे पाल सकती हैं लेकिन शाम को जब उनके पुरुष शराब पीकर घर पर लौटते हैं और बच्चो से गाली गलौच करते हैं, पीटते हैं जिससे घर का माहौल गमगीन हो जाता है। ऐसी घडी महिलाओं के लिए सबसे बड़ी दु:खदायी होती है। तब उसकी कोई मदद नहीं करता और लोग तमाशा देखते हैं।
अनीता शर्मा ने आगे कहा कि उन्होंने पिछले साल शराब के खिलाफ प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की थी कि पंजाब में शराब की बिक्री 20 प्रतिशत घटाएं। इससे लाखों के घर बर्बाद हो रहे हैं लेकिन सरकार के कानों पर जू नहीं रेंगी और यह कह कर पल्ला झाड़ लिया कि सरकार को शराब की बिक्री घटाने पर रेवन्यू का बड़ा घाटा होगा जिससे समाज कल्याण के कार्य अधूरे रह जायेंगे। यदि सरकार अपनी गलत नीति व जिद्द से गरीब लोगों को शराब बेचकर उनको बर्बाद करके ही रेवन्यू जमा करना चाहती है तो शराबी घरवालों की महिलाओं को शराबी पति के इस हर रोज के अत्याचार अपमान से दु:खी होने की बजाय अब एक दिन विधवा होना ही सुखदायक रहेगा।
इसलिए आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बेलन ब्रिगेड ऐलान करती है कि शराबी घरवालों की महिलाएं सरकार की शराब से अधिक से अधिक कमाई बढ़ाने के लिए अपने शराबी घरवालों को ज्यादा से ज्यादा शराब पिलाएंगी और जो शराबी सरकार की इन्कम बढाने के लिए ज्यादा शराब पियेगा उसे सम्मानित किया जाएगा क्योंकि पंजाब सरकार भी हर गली मोहल्लो में शराब के ठेके खोल कर चाहती है कि मर्द लोग ज्यादा से ज्यादा शराब पीयें ताकि सरकार की आमदनी बढ़ सके और जल्दी जल्दी शराबी लोग मरें और फिर समाज भलाई के दिखावे के लिए, सरकारी खजाने में से शराबियों की विधवाएं पेंशन ले सकें और उनके बच्चे सरकारी स्कूलों में दाल रोटी खाकर पढ़ सकें।
अनीता शर्मा ने कहा कि यदि सरकार शराब को नशा नहीं मानती तो बेलन ब्रिगेड हर साल ज्यादा से ज्यादा शराब पीने वाले मर्दों को सम्मानित करेगी ताकि शराब का कारोबार पंजाब में बढे। यदि पंजाब सरकार के मन में सचमुच ही महिलाओं के लिए जरा सा भी सम्मान है तो तुरंत पंजाब में केरल सरकार की नीति अपना कर पंजाब से 20 प्रतिशत शराब के ठेके हटाये नहीं तो नशे के दल दल में डूबा पंजाब अब शराब बेचने की गलत नीतियों के कारण भारत में शराब के मसले पर भी पहले नंबर पर आ जाएगा।