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भास्कर प्रबंधन को तमाचा : लेबर ट्रिब्यूनल ने छह कर्मियों की बर्खास्तगी को गैर-कानूनी करार दिया

दैनिक भास्कर, जालंधर के छह मीडियाकर्मियों को जीत मिली है. लेबर ट्रिब्यूनल ने भास्कर प्रबंधन द्वारा इन छह कर्मियों की बर्खास्तगी को गैरकानूनी करार दिया है. ट्रिब्यूनल ने इनकी सेवाओं को बर्खास्तगी की डेट से ही बहाल करने के आदेश दिए हैं. जिन लोगों को इस आदेश से लाभ मिला है उनके नाम हैं- पत्रकार वीना जोशी, नीलांबर जोशी (अब दिवंगत), अनिल शर्मा, जतिंदर कुमार, जतिंदर चौहान व संजय शर्मा.

दैनिक भास्कर, जालंधर के छह मीडियाकर्मियों को जीत मिली है. लेबर ट्रिब्यूनल ने भास्कर प्रबंधन द्वारा इन छह कर्मियों की बर्खास्तगी को गैरकानूनी करार दिया है. ट्रिब्यूनल ने इनकी सेवाओं को बर्खास्तगी की डेट से ही बहाल करने के आदेश दिए हैं. जिन लोगों को इस आदेश से लाभ मिला है उनके नाम हैं- पत्रकार वीना जोशी, नीलांबर जोशी (अब दिवंगत), अनिल शर्मा, जतिंदर कुमार, जतिंदर चौहान व संजय शर्मा.

ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि बिना उचित कारण के किसी कर्मचारी को एक महीने का नोटिस देकर नहीं निकाल जा सकता है. ट्रिब्यूनल ने अखबार प्रबंधन को निर्देश दिया है कि वह इन सभी लोगों को टर्मिनेशन से लेकर अभी तक की सेलरी तुरंत दे. जिन नीलांबर जोशी की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई, उनके आश्रितों को उनके जीवित रहने तक का लाभ देने के आदेश हुए हैं. इनकी पत्नी वीना जोशी को रिटायरमेंट आयु तक के समस्त लाभ मिलेंगे. हालांकि 4 अन्य कर्मचारियों का केस अभी लंबित है. प्रबंधन ने इन कर्मचारियों को साल 2009 में एकाएक नौकरी से निकाल दिया था. इसके बाद सभी ने प्रबंधन के नाजायज फैसले को ट्रिब्यूनल में चुनौती दी थी. प्रबंधन के पास इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने का विकल्प खुला है. हालांकि ऐसे मामलों में प्रबंधन की पहले भी हाईकोर्ट में कई बार किरकिरी हो चुकी है.

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ट्रिब्यूनल के फैसले के बाद नौकरी ज्वाइन करने गए कर्मचारियों ने स्थानीय प्रबंधन पर ज्वायनिंग न कराने का आरोप लगाते हुए अवमानना का केस दायर करने की बात कही है. कर्मचारी अनिल शर्मा ने बताया कि वह केस जीतने के बाद कोर्ट के आदेश पर अपने अन्य साथियों के साथ दैनिक भास्कर अखबार में नौकरी ज्वाइन करने गए थे लेकिन डिप्टी मैनेजर नरेश कुमार दुआ ने प्रबंधन का आदेश न होने का हवाला देते हुए वापस लौटा दिया. कर्मचारियों के केसों की पैरवी करने वाले श्रम सलाहकार राम सिंह का कहना है कि प्रबंधन ने ऐसा करके खुद को अदालती अवमानना की श्रेणी में ला खड़ा किया है.

इस पूरे प्रकरण को जालंधर के एक तेवरदार अखबार जय हिंद ने प्रकाशित किया है, जो इस प्रकार है…

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