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सुख-दुख

बिजली विभाग, बीएसएनएल और सरकारी पैकेज की राम कहानी!

सत्येंद्र पीएस-

सरकार पिछले 8 साल से कुछ विभागों को ऐसा पैकेज दे रही है कि उनका पुनरुद्धार ही नहीं हो पा रहा है। उनमें से एक है बिजली विभाग। जबसे यह सरकार आई है, कथित रूप से करीब 8 लाख करोड़ रुपये का पैकेज बिजली विभाग को दे चुकी है और स्थिति जस की तस है। पब्लिक को बिजली चोर बताकर सारा पैसा चाइनीज मीटर लगाने पर खर्च कर दिया गया। लोगों के घर के बाहर मीटर लगाए गए। उसके बावजूद कोई प्रगति नहीं हुई। चाइनीज मीटर, प्राइवेट सेक्टर की मीटर रीडिंग ने सीधे सीधे लूट बढ़ा दी। लोगों को लगता है कि यह मीटर सुपर स्पीड से भागता है और आम लोगों से चुराई बिजली को मीटर रीडिंग वाली निजी कम्पनियां उद्योग द्वारा की गई बिजली चोरी में समायोजित कर जमकर पैसे कमा रही हैं।

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सरकार का 8 लाख करोड़ रुपये बिजली पैकेज सरकार, चीन और निजी क्षेत्र की जेब मे। यह योजना नोटबन्दी की तरह ही साबित हुई है। सरकार यह मानकर चल रही थी कि पब्लिक चोर है। चोरों का मीटर हर तरह से दुरुस्त करने की कोशिश की। लेकिन एटीएंडसी लॉस जस का तस है। जैसे नोटबन्दी में एक रुपये काला धन नहीं आया और बन्द की गई सारी नोट बैंकों को वापस मिल गई, ठीक वैसे ही कथित बिजली चोरीरुकने का नाम ही नहीं ले रही है। स्थिति जस की तस बनी है, बिजली की।सरकार की सारी कवायद बिजली विभाग के लिए आपदा ही शामिल हुई है।

इसी तरह बीएसएनएल है। शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस वालों को भी याद होगा कि जबसे मोदी सरकार आई है, टेलीकॉम का पुनरुत्थान कर रही है और पैकेज दे रही है। सरकार की बीएसएनएल और एमटीएनएल पर कृपा ऐसी बरसी कि लोगों ने इसके नम्बर ही पोर्ट करा लिए। मेरे जैसे सरकारी पसन्द व्यक्ति को भी नम्बर पोर्ट करना पड़ा क्योंकि सरकार ने इन कम्पनियों को 4जी स्पेक्ट्रम ही नहीं दिया।

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अब बीएसएनएल के लिए एक और पुनरुद्धार पैकेज आ गया। जब टेलीकॉम कंपनियों को 5जी स्पेक्ट्रम दिया जा रहा है, उस समय बीएसएनएल के पुनरुद्धार के लिए सरकार उसे 4जी स्पेक्ट्रम दे रही है।

क्या जब 5जी सेवाएं उपलब्ध रहेंगी तो कोई व्यक्ति बीएसएनएल की 4जी सेवाएं लेगा? बीएसएनएल उन्ही क्षेत्रों में सेवाएं दे पाएगी जहां प्राइवेट कम्पनियां नहीं पहुंचेंगी। प्राइवेट कम्पनियां ग्रामीण इलाकों, पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में नहीं जातीं। वहां उनको कमाई नहीं होती। पहले बीएसएनएल महानगरों से कमाती थी और सामाजिक दायित्व के तहत दुर्गम इलाकों में सेवाएं दे देती थी।

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अब सरकार कमाऊ इलाकों में निजी कंपनियों को 5जी स्पेक्ट्रम देकर कमवाएगी और 4जी देकर बीएसएनएल का उद्धार करेगी। साथ ही जब बीएसएनएल का यह पैकेज भी फेल हो जाएगा तो व्हाट्सऐप पर प्रचार कराएगी की सरकारी कर्मचारी चोर होते हैं, इसलिए बीएसएनएल बर्बाद हो गई।

बीएसएनएल को निजी कंपनियों के लिए भारतनेट के तहत फाइबर नेटवर्क का विस्तार करना होगा, खबर इतनी सी है। यह है सरकार का विकास!

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