यशवंत सिंह, इरा झा और विनायक विजेता ने अपनी-अपनी खराब सेहत के बारे में जानकारी दी

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Yashwant Singh : हाई बीपी के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। ecg से लेकर कई किस्म के चेकअप हुए। डॉक्टर ने पांच दिन तक अल्कोहल, नमक, अचार से दूर रहने और दी गयी दवाएं नियम से खाते रहने को कहा है। रोज एक निश्चित टाइम पर बीपी नापते हुए छठें रोज फिर मिलने का आदेश किया है। उसने ह्रदय और दिमाग में मचे आड़ोलन को किसी किस्म का अटैक या हैमरेज होने या इनकी आहट की आशंका होने को खारिज किया है। लेकिन अलर्ट की चेतावनी जारी कर दी है। नार्मल से एलर्ट मोड में जीवन को रख दिया है।

 

जांच, नतीजों, दवा और चिकित्सकीय सुभाषितानी के बावजूद मेरा अनइजी फील करना जारी रहा तो Kumar Sauvir को फोन लगाया। ये हाई बीपी के पुराने पीड़ित हैं। उनकी बेहद मामूली सी सलाहों पर अमल ने दवा से ज्यादा असर किया और कई घंटों से कायम पीड़ा व भय की घनघोर गिरफ्त से मुक्त हो सका। अब ठीक तो हूँ लेकिन नींद नहीं आने की समस्या से जूझ रहा। जिन दिनों जेल में था उन दिनों खूब अच्छी तसल्लीबख्श नींद आती थी। अब फिर जो मदिरा और अनिद्रा के चक्रव्यूह में फंसा हूँ तो लगता है इससे निजात तिहाड़ जाने पर मिलेगी या चरम विल पॉवर के जरिये खुद पर कठिन आत्मनियंत्रण से। अब तक तो आत्मानुशासन के सारे प्रयोग विफल रहे। आगे भी कोई उम्मीद नहीं। अब लगता है कि मेरा मुझ पर कंट्रोल नहीं। कोई दूसरा शख्स कोई अदृश्य ताकत कोई हिडन चीज मुझे कठपुतली की भाँति चला करा जिला रही है। मैं अब अक्सर खुद को उसी के हवाले कर सारी समस्याओं दुखों से मुंह छिपा लेता हूँ और इस शुतूरमुर्गी चालबाज़ी से तात्कालिक राहत पा लेता हूँ।

दीर्घावधि यानि लॉन्ग टर्म में क्या होता है, देखा जाएगा और जो भी होगा उचित ही होगा ये मानकर चलने में इस वक़्त कम से कम फीलगुड का लुत्फ़ तो उठा ही सकता हूँ। पास्ट फ्यूचर से मुक्त होकर इस पल को छाती में हिक भर हवा खींच के आँख बंद करके चरम उदात्तता से परम फैलाव में महसूस करना जीना ज्यादा सही रास्ता है, और अब यही सुकून देता है। ज़िन्दगी ने सबक देना सिखाना जारी रखा है। जब जब क्लास बंक करता हूँ या नहीं सीखने की शरारत करता हूँ तो बड़ी तगड़ी लात पड़ती है। कह सकता हूँ, मेरा अनचीन्हा अनजाना अदृश्य स्वघोषित टीचर बहुत निर्दयी क्रूर है। उसकी तगड़ी ट्रेनिंग से बहुत बाद में जब कभी ‘सफल’ हो गया तो उसकी जय जय उन दिनों ज़रूर कर दूँगा, लेकिन आज तो मुझे गरिया लेने दो। ओ रे मेरे पत्थरदिल गुरु, रहम भी कर दिया कर… अमानुष!!!!

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Yashwant Singh : बिलकुल सही हूँ, सब नार्मल है, दवा खाये बगैर। दुखों को बाँट लेना, दुखों पर बतिया लेना आपस में… ये वो तरीका है जिसके जरिए दुखों को reduce करते हुए ख़त्म किया जा सकता है। इस बार दवाओँ ने नहीं, सच में दुवाओं और दोस्तों ने काम किया। रात 4 बजे सो पाया। 9 बजे उठा। 4 km टहला। नारियल पानी पिया। रात भिगो कर रखी मेथी और चने का थोडा सा सेवन किया। खीरा खाया। नहाने के बाद 2 रोटी दाल सब्जी with सलाद। 3 बार बीपी ले चुका। नार्मल है। इसलिए दवा भी नहीं लिया। सो, टेंशन नॉट। अब घास फूस का साथ।

उपरोक्त दो स्टेटस भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह के फेसबुक वॉल पर पिछले दो दिनों में प्रकाशित हुए हैं.

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Ira Jha :  Main samay sakht beemar hoon.bukhar me padi hoon aur tez mirchi wale 10-12samose bhakosane ki talab ho rahi hai.koi mitra press club ke pass gande mahaul me tale jane wale samose mere pati se chhupakar muhaiya karaega?shakil munh mat bana.apne dost ka jazba dekh…103 bukhar me bhi…bin samosa sab soon.

दिल्ली की वरिष्ठ महिला पत्रकार इरा झा के फेसबुक वॉल से.

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Vinayak Vijeta : मित्रों ! आपकी दुआ के लिए आपका धन्यवाद… बीते शुक्रवार को दवा लेने के क्रम में अचानक मूर्छित होकर गिर जाने और तीन दिनों तक गंभीर रूप से अस्वस्थ रहने के बाद आज मैं कमजोरी के बावजूद अपने को पहले से कुछ बेहतर महसूस कर रहा हूं। इन तीन दिनों में 11 बोतल स्लाईन के साथ कई अन्य दवाईयां भी चलीं पर मै मानता हूं कि इन दवाइयों से ज्यादा उन मित्रों, शुभचिन्तकों और बड़ेजनों की वह दुआएं ज्यादा काम आईं जिन जनों के हाथ हमारे शीघ्र स्वस्थ होने के लिए ‘सजदा’ में उठे। मेरे अस्वस्थ होने के बारे में मेरे बेटे सोनू द्वारा किए गए पोस्ट पर जिस तरह सैकड़ों मित्र जिनमें राजनेता, चिकित्सक, पत्रकार, समाजसेवी, अधिवक्ता व व्यवसायी वर्ग के लोग शामिल हैं, उन सभी मित्रों का मैं तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं। चिकित्सक द्वारा अभी कम्प्यूटर पर ज्यादा देर नहीं बैठने की हिदायत के बावजूद जब मैंने अपने बेटे के लिखे पोस्ट पर आप मित्रों की प्रतिक्रियाएं और मेरे शीघ्र स्वस्थ होने की दुआ संबंधी सैकड़ों कमेंट्स पढ़ा तो मै खुद को रोक नहीं पाया। आप सभी मित्रों का एक बार फिर से तहे दिल से शुक्रिया!

बिहार के पत्रकार विनायक विजेता के फेसबुक वॉल से.



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Comments on “यशवंत सिंह, इरा झा और विनायक विजेता ने अपनी-अपनी खराब सेहत के बारे में जानकारी दी

  • Dear Yashvant ji, jeevan me ye sab ata hi rahta hai… Main bhi High BP ka shikar hoon.. Shuroo-2 mein badi pareshani hui.. Log Daraa diye, lekin ab theek hoon. Iksha-shakti aur Himmat rakkhein… koi badi beemari nahin.. Kabi-2 Madira bhi lein, koi dikkat nahin. Lekin ek limitation me. Haan, BP ki Dawaa daily time per leni padegi. Ek baar kha liya, to Jeevan bhar Khani padegi.
    Baki batein kal phone per karunga…
    Regards

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  • कामता प्रसाद says:

    सिद्धा मेडिसिन में बीपी के लिए अच्छी दवा आई है। किसी सिद्धा वाले से बात करके देखो।

    10 दिन विपश्यना कर लो और फिर ताबड़तोड़ बाबा रामदेव का योग और केजरी टाइप नेचुरोपैथी। एक महीना गुजर जाएगा इस तरह तो दारू छूट जाएगी। जय कर्नाटक।

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