दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के सस्पेंड इंजीनियर-इन-चीफ यादव सिंह मामले में सीबीआई जांच पर रोक लगाने से मना कर दिया है। अखिलेश सरकार को इससे तगड़ा झटका लगा है। गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि यादव ने पूरी व्यवस्था को अपना दास बना लिया है। पिछली 16 जुलाई को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस एसएन शुक्ला ने सीबीआई जांच कराने के आदेश किए थे। इसके बाद अखिलेश सरकार ने यादव सिंह पर लगे आरोपों की सीबीआई जांच के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
गौरतलब हैं कि नोएडा अथॉरिटी में चीफ इंजीनियर के तौर पर तैनात यादव सिंह पर आय से ज्यादा संपत्ति रखने का आरोप था. घोटाले के आरोपी इंजीनियर यादव सिंह के ठिकानों से अरबों की संपत्ति का खुलासा हुआ था. प्रदेश सरकार ने शुरुआत में यादव सिंह के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की.
सामाजिक कार्यकर्ता डॉ.नूतन ठाकुर का कहना है – ”मैं यादव सिंह केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को सत्य और न्याय की जीत के रूप में स्वागत करती हूँ और उत्तर प्रदेश सरकार से इस अवांछनीय और गैर-जरुरी याचिका दायर करने वालों की जिम्मेदारी तय करने की मांग करती हूँ।”
अब उत्तर प्रदेश सरकार को यह जवाब देना होगा कि वह कौन सी वजह थी, जिसके लिए यादव सिंह को बचाने के प्रयास किए जा रहे। कानून और राजनीति के पंडितों का मानना है कि अगर सीबीआई ने यादव सिंह से ऐसा कुछ उगलवा दिया जिसमें सपा और बसपा दोनो के नेताओं का नाम हुआ तो 2017 विधानसभा चुनावों में इनको खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।