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सुख-दुख

समुद्रतट पर औंधे पड़े मृत बच्चे की तस्वीर खींचते वक्त मैं चेतनाशून्य हो गई थी : फोटो जर्नलिस्ट नीलूफर डेमिर

बीजिंग: तुर्की के समुद्रतट पर औंधे पड़े मृत अयलान कुर्दी की हृदय विदारक तस्वीर खींचने वाली फोटो पत्रकार ने फोटो लेते वक्त अपनी मनोदशा पर कहा है कि अयलान की तस्वीर खींचते वक्त वह जैसे चेतनाशून्य सी हो गई थीं। तुर्की के समाचार पत्र ‘हुर्रियत’ को दिए साक्षात्कार में तुर्की की समाचार एजेंसी ‘डोगन न्यूज एजेंसी’ (डीएचए) की फोटो पत्रकार नीलूफर डेमिर ने दुनिया को हिला कर रख देने वाली इस तस्वीर को लेते वक्त अपनी मनोदशा के बारे में बताया।

बीजिंग: तुर्की के समुद्रतट पर औंधे पड़े मृत अयलान कुर्दी की हृदय विदारक तस्वीर खींचने वाली फोटो पत्रकार ने फोटो लेते वक्त अपनी मनोदशा पर कहा है कि अयलान की तस्वीर खींचते वक्त वह जैसे चेतनाशून्य सी हो गई थीं। तुर्की के समाचार पत्र ‘हुर्रियत’ को दिए साक्षात्कार में तुर्की की समाचार एजेंसी ‘डोगन न्यूज एजेंसी’ (डीएचए) की फोटो पत्रकार नीलूफर डेमिर ने दुनिया को हिला कर रख देने वाली इस तस्वीर को लेते वक्त अपनी मनोदशा के बारे में बताया।

 

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डेमिर की खींची इस तस्वीर ने यूरोप में शरण के लिए प्रतिदिन आ रहे शरणार्थियों की समस्या पर पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। डेमिर ने कहा, “तीन वर्षीय अयलान समुद्र तट पर आ-जा रही लहरों के बीच लाल टी शर्ट और गहरी नीली निक्कर पहने औंधे मुंह निष्प्राण पड़ा हुआ था और उसकी कमर हल्की सी मुड़ी हुई थी। मैं सिर्फ तस्वीर के सहारे उसका करुण क्रंदन दुनिया को सुना सकती थी।”

डेमिर ने बताया कि उन्होंने अन्य शरणार्थियों की ही तरह बिना लाइफ जैकेट पहने वहां एक और बच्चे का शव पड़ा देखा था। बाद में पता चला कि वह अयलान कुर्दी के भाई गालिप का शव था। डेमिर ने कहा, “गालिप का शव अयलान से 100 मीटर की दूरी पर पड़ा था। इस बार मैं उसके पास गई। मैंने देखा कि उन्होंने लाइफ जैकेट नहीं पहन रखी थी और न ही तैरने के लिए सहारा देने वाला कोई अन्य उपकरण। नजारा बता रहा था कि दुर्घटना कितनी दर्दनाक रही होगी।”

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डेमिर ने बताया कि ग्रीस में घुसने की कोशिश करते पाकिस्तानी शरणार्थियों की तस्वीरें लेते वक्त उन्होंने और उनके साथियों ने अचानक वहां बच्चों के शव पड़े देखे। उन्होंने बताया, “हमने वहां बच्चों के शव पड़े देखे। हम स्तब्ध रह गए, हमें उनके मरने का दुख हुआ, लेकिन हम सिर्फ यही कर सकते थे कि उनकी त्रासदी को दुनिया के सामने लाएं।”

डेमिर ने बताया कि वह 2003 से दूसरे देशों में शरण लेने की घटनाओं की तस्वीरें लेती रही हैं, जिसने उन्हें काफी दुखी किया। उन्होंने कहा कि शरणार्थियों की समस्या अब तुर्की की सीमा से बाहर निकलकर एक अंतर्राष्ट्रीय समस्या का रूप ले चुका है। डेमिर ने कहा, “मैं उम्मीद करती हूं कि आज से ही स्थितियां बदलेंगी।”

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