Connect with us

Hi, what are you looking for?

आयोजन

मीडिया संस्थानों पर छापे के विरोध में किया मौन सत्याग्रह

सीतापुर। देश भर में मीडिया संस्थानों पर अचानक डाले गए ईडी व आईटी के छापों से सदन से सड़क तक सरकार के खिलाफ गुस्सा फूटा है।

जिले में दोपहर से ही विभन्न संगठनों ने अपना आक्रोश व्यक्त किया, सोशल एक्टिविस्ट, पूर्व पालिकाध्यक्ष आशीष मिश्रा ने मीडिया संस्थानों पर छापे के विरोध में लालबाग चैराहे पर मौन सत्याग्रह रखा। उनके ऐलान की जानकारी होते ही तमाम पत्रकार, वकील व सामाजिक कार्यकर्ता भी मौन सत्याग्रह में पहुंचे।

मौन सत्याग्रह के बाद मीडिया से बात करते हुए आशीष मिश्रा ने कहा कि कोरोना काल में विभिन्न मीडिया संस्थानों ने जनता के दर्द की सही तस्वीर देश वासियों के सामने रखी, जो सरकार को पसंद नही आयी, ऐसे में जब मीडिया अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सबसे बड़ा माध्यम है। उस पर छापे डालकर उसे डराने का प्रयास करना आपातकाल लगाने जैसा है. सरकार सच से डरती क्यों है. सभी ने एक स्वर में मांग की इस तरह के छापे की कारवाई तत्काल बंद होनी चाहिये।

Advertisement. Scroll to continue reading.

कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ती सविता बाल्मीकि, सन्तोष मिश्रा, पंकज कुमार, अमित भारती, सुदेश कुमार, आदित्य कुमार, दन्ना सिंह आदि लोग शामिल रहे।


मीडिया संस्थानों पर छापे को लेकर बेतिया में भी मौन सत्याग्रह!

Advertisement. Scroll to continue reading.

बेतिया। दैनिक भास्कर ग्रुप के भोपाल, नोएडा, जयपुर और अहमदाबाद कार्यालय पर आयकर विभाग द्वारा छापेमारी कार्रवाई तथा उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित समाचार चैनल भारत समाचार पर भी आयकर विभाग की कार्रवाई को लेकर देश के अलग-अलग जगहों से पत्रकारों ने इसके विरोध में आवाज उठाना शुरू कर दिया है। इसी दरमियान पश्चिमी चंपारण जिला के बेतिया से कई पत्रकारों ने पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर सरकार द्वारा इस प्रकार की करवाई की घोर निंदा की है ।

इस प्रकार की कार्यवाही पत्रकारों ने अघोषित आपातकाल करा दिया। इसके विरोध में पत्रकारों ने मौन सत्याग्रह आज से शुरू करने का ऐलान किया है। चम्पारण नीति के संपादक आदित्य कुमार दुबे कुमार दुबे का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी के कोरोना को नियंत्रित करने के पूरे ना हो सके वादों पर दैनिक भास्कर समाचार पत्र , भारत समाचार न्यूज़ चैनल ने उनसे तीखे सवाल पूछे थे। इससे बौखलाई और कंफ्यूज सरकार ने अब मीडिया घरानों के अलग-अलग कार्यालयों में छापेमारी कर आ रही है। यह प्रेस की स्वतंत्रता को प्रभावित करता है इस प्रकार की कार्रवाई लोकतंत्र की प्रत्यक्ष हत्या करता है। इस प्रकार की कार्यवाही के विरोध में बेतिया के पत्रकारों ने मौन सत्याग्रह करने का ऐलान किया है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

वरिष्ठ समाजसेवी मनोज केशान ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। केशान ने लिखा है कि दैनिक भास्कर पर सरकारी तोते के छापे स्वतंत्र लेखनी पर शिकंजा है। लोकतंत्र के लिए ऐसी मानसिकता वाली राजनीति राष्ट्र के लिए घातक है। कड़े शब्दों में निंदा करता हूँ।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement