Kumar Aniket-
64th BPSC और इस बार के UPSC में आईआईटीयंस को जितनी सफलता मिली है, उससे एक बात साबित हो गयी है कि सिविल सर्विसेज एक तरह से संभ्रांत और अमीर लोगों के लिए रिजर्व कर दी गयी है, नाक बचाने के लिए मानविकी विषय के कुछ छात्रो को निम्न रैंक देकर कर्तव्यों की इतिश्री कर ली जाती है।
अब जिसके पास पैसा, साधन और पहुंच होगा, वही तो आईआईटी, आईआईएम, बीटेक, एमबीबीएस वगैरह जैसे महंगे कोर्स करेंगे और वही सिविल सर्वेंट भी बनेंगे। आम लोग तो सिर्फ इसलिए कूदेंगे फादेंगे कि मेरे राज्य से बना है, मेरे जिले से बना है। बकवास…..
I am not interested in it and it’s a ploy to divert the attention of common people from faulty selection process of civil service exams!
असली खेल तो साला optional और इंटरव्यू में ही होता है, क्योंकि कैंडिडेट्स की क्लास वहीं पता चलती है।
राणा यशवंत-
UPSC 2020 का जो फाइनल रिजल्ट आया,उसमें शुभम कुमार ने टॉप कर बिहार की प्रतिभा का एक बार फिर लोहा मनवा दिया है। 7 वीं रैंक भी बिहार के ही प्रवीण कुमार ने हासिल की है। बिहार के बच्चे जिन हालात में पढ़कर निकलते हैं, उस लिहाज़ से ऐसी कामयाबी असम्भव को संभव करने जैसा है.
परमेंद्र मोहन-
जिअ हो बिहार के लाल…टॉपर होना तो बिहारी के लिए करीब-करीब आरक्षित होता ही है लेकिन आईएएस टॉपर की पोजीशन वापस लाने में 19 साल लग गए।
अब जाकर शुभम ने साबित किया कि एक बिहारी सब पर भारी महज जुमला नहीं है। टॉप टेन में सातवें पर प्रवीण और दसवें पर सत्यम भी बिहार के ही हैं। आज के लिए इतना ही काफी है पूरी लिस्ट में तो वैसे भी हर साल बिहार के प्रतिभावानों की बहार होती ही है।
ये रुतबा बनाए रखें और चाहे कहीं भी पोस्टिंग लें बिहार का झंडा बुलंद रखें। मां शारदे का आशीर्वाद बिहार पर बरसता रहे।
Mohd tariq
September 27, 2021 at 12:08 am
आप ये क्यो सोच रहे जो आईआईटी जाता है वो अमीर ही होता है या जो यूपीएससी की परीक्षा निकाल रहा वो अमीर है ये सोच गलत है पीलीभीत से तीन युवाओं ने निकाली परीक्षा। इसमे एक वर्तमान प्रधान संजीव गंगवार के पुत्र आशीष गंगवार भी है आशीष ने 2018 में भी निकाली और आईपीएस है इस बार 188 रेंक आई तो आईएएस हो गए। आशीष ने दिल्ली आईआईटी से बीटेक किया है मेने इनके पिता जी का इंटरव्यू किया साधारण परिवार है ये। घर भी पूरा लिसा हुआ नही है इनका पूरा ग्रामीण परिवेश है