राजश्री प्रोडक्शन ने एक से बढकर एक हिट फिल्में दी हैं जिन्हें लोगो ने बार बार देखा और बार बार सराहा। राजश्री प्रोडक्शन के सूरज बड़जात्या से एक बार मैंने सवाल पूछ लिया और जो उत्तर मिला वो आज तक नहीं भुला सका। सवाल था राजश्री प्रोडक्शन की कामयाबी का राज आप क्या मानते हैं? सूरज जी ने उत्तर दिया- हम फिल्में पैसे से नहीं, दुआओं से बनाते हैं। तह तक गया तो पता चला राजश्री प्रोडक्शन में आज भी कई लोग ऐसे हैं जो ‘दोस्ती’ फिल्म के समय से जुड़े और इसी कंपनी के होकर रह गए। कंपनी प्रबंधन उनके हर सुख दुख में साथ देता है।
काश ये बात डीबी कार्प प्रबंधन भी समझ लेता। मजीठिया वेज बोर्ड मामले में देश भर से सबसे ज्यादा शिकायत डीबी कॉर्प के खिलाफ माननीय सुप्रीमकोर्ट और लेबर विभाग में की गयी है। इस कंपनी में शोषण का आलम यह है कि डीबी कार्प के समाचार पत्रों दैनिक भास्कर और दिव्य मराठी से आज भी लोगों के फोन आते हैं। वे मुझसे कहते हैं सर मजीठिया मांगने की सिर्फ किसी साथी से चर्चा कर दी तो कंपनी ने कह दिया आपका परफार्मेंस खराब है और नौकरी से निकाल दिया।
किसी का फोन आता है तो बताता है कि सर मजीठिया माँगा तो महाराष्ट्र से ट्रांसफर करके झारखण्ड भेज दिया। किसी को राजस्थान भेज दिया गया। एक साथी ने बताया इस कंपनी की एच आर हेड ने मुझे कह दिया कि तुम मजीठिया मांगते हो तुम्हारी जिंदगी बर्बाद कर दूंगी।
अब सवाल ये उठता है जिस अखबार का नाम ही भास्कर यानि उगता सूर्य से है, वो अस्त कैसे हो रहा है। जाहिर सी बात है भास्कर को बददुआ लग गयी है। ये बददुआ उन लोगों की है जो इसके कर्मचारी हैं या थे। जो कर्मचारी हैं वो इसलिए बददुआ देते हैं कि कंपनी जो कर रही है, गलत कर रही है और जो बाहर हैं वो इसलिए बददुआ दे रहे हैं कि कंपनी ने जो किया गलत किया। बाहर निकाले गए लोगो के बीवी बच्चे भी बददुआ दे रहे हैं। आज इस कंपनी में लोगों का पेट पालना मुश्किल है। कर्मचारियों ने क्या गलत कर दिया, सिर्फ यही कहा न कि दो जून की रोटी दे दो। आपने क्या किया? आपने उनकी रोटी ही छीन ली।
डीबी कॉर्प प्रबंधन से मेरा सीधा सवाल है आपके पास कोई नौकरी क्यों करेगा। शायद अब आपके यहाँ कोई नौकरी की तलाश में बायोडाटा लेकर भी नहीं जाएगा। अगर गया तो वो भी आपको एक दिन बददुआ देगा। फिर ऐसा काम क्यों करना। उम्मीद है आपकी तरफ से जवाब मुझे जरूर मिलेगा। जवाब का इंतजार रहेगा।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आर टी आई एक्टिविस्ट
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