उपेंद्र नाथ पांडेय-
आज तो अपना भी सीना छप्पन इंची! और हो भी क्यूं न! अपने प्रियजन-परिजन की ऐसी छवि सामने हो तो किसी के भी मुंह से निकल पड़ेगा-
यों रहीम सुख होत है बढत देखि निज गोत!
ज्यों बड़री अंखियां निरखि, आंखिन को सुख होत!
संलग्न छवि में बायें क्रीम कलर कोट में हैं मेरे सगे भांजे यूपी हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के बार एसोसिएशन महामंत्री रहे प्रिय शरद पाठक और उनके हाथ थामे काली कोट-दुग्ध धवल केशों वाले महानुभाव हैं देश की खासमखास बंबई हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश -कभी मेरे अजीज अनुजवत पत्रकार रहे प्रिय देवेन्द्र कुमार उपाध्याय।
परसों शाम इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ से विदाई के दौरान देवेन्द्र भाई का टेलीफोन पर शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थिति का आमंत्रण मिला तो एकबार दिल मुंबई राजभवन के गलियारों में समुद्री बयार के आनंद सुख को लालायित हो उठा, किंतु जागरण इंस्टिट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड मॉस कम्युनिकेशन कानपुर की हालिया व्यस्तताओं और पारिवारिक घटनाक्रम ने पांव बांध दिये।
दैनिक जागरण लखनऊ के न्यूजरूम से बंबई हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तक का सफर
प्रिय देवेन्द्र उपाध्याय और शरद पाठक की पहली भेंट 20 मई 1990 को उस समय हुई थी, जब यह दोनो मेरी शादी के बाराती बनकर बहराइच के गुदड़ी मोहल्ले की गलियों में डांस कर रहे थे। उस समय देवेन्द्र उपाध्याय दैनिक जागरण लखनऊ में उप संपादक थे और शरद पाठक का वकालत का सफर शुरू होने को था।
कालांतर में धीरगंभीर देवेन्द्र भाई को चौखंभा राज के पत्रकारिता स्तंभ की जगह न्यायपालिका अधिक भाने लगी और शरद एलएलबी करके इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में बारबेंच के रिश्ते प्रगाढ करने में योगदान देने में तल्लीन हो गये।
न्यायमूर्ति के रूप में प्रिय देवेन्द्र उपाध्याय ने लखनऊ हाईकोर्ट खंडपीठ के जज की भूमिका ऐसी धीरता गंभीरतापूर्वक निभाई और आज इन्होंने बंबई हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ग्रहण करने के साथ ही साबित कर दिया कि उनका डीएनए पत्रकारिता की जगह न्यायपालिका के माध्यम से देश सेवा के लिए कहीं ज्यादा मुफीद है।
आशा ही नहीं, विश्वास भी है कि देवेन्द्र भाई एक दिन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की शपथ लेकर न्यायपालिका को अपनी सूझबूझ और धीरगंभीर डीएनए के बलबूते नयी दिशा दे सकेंगे।
नयी चुनौतियों नयी भूमिका नव विस्तारित आयाम मेरे गृह जनपद वासी और देश के सबसे युवा मुख्य न्यायाधीशों में शुमार हो चुके न्यायमूर्ति देवेन्द्र उपाध्याय के उज्ज्वल धवल भविष्य हित से मंगल कामनाएं।
देवेन्द्र जी ने पत्रकारिता की शुरुआत अमृत प्रभात से की थी। अमृत प्रभात मई 1990 में बंद हो गया, तब हम लोगों ने आंदोलन छेड़ा। नतीजा यह रहा कि साल भर के संघर्ष और कोर्ट कचहरी के बाद हम लोगों का एक एक बकाया पैसा मिल गया। उधर इलाहाबाद के साथी प्रबंधन के बहकावे में आकर आंदोलन नहीं कर सके। नतीजा यह कि आज तक उनका भुगतान नहीं हुआ। -प्रद्युम्न तिवारी
सहारा में भी 1992-93 में सब एडीटर रहे हैं देवेन्द्र उपाध्याय जी। – सहारा के एक वरिष्ठ संपादकीय कर्मी द्वारा दी गई सूचना
D D Sharma
July 31, 2023 at 2:11 pm
Sir, Lordship Justice D.K.Upadhayay Sir will Soon be seen in Hon’ble Supreme Court. Regards
Shabana Abbaa
July 31, 2023 at 7:58 pm
D.K upadhayay sir is very nice personality,I like him, God bless him,I pray always for him.
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August 1, 2023 at 2:08 pm
Honour to Read this Article Becz Lordship is My Idol Person and Feeling Great to Write this that Lordship is the one Who Appericiated me And help me To Enter in advocacy…
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August 1, 2023 at 2:12 pm
The day i remember In My Struggle whn he Put his hand on my head Prayer To Almighty of God that All divine Power Shower blessings Upon him May God Always bless him With All perfection in His life