धर्मेन्द्र प्रताप सिंह-
‘गिफ्ट और लंच चाहिए तो टाइम से आना, ठीक से खबर नहीं छापी तो अगली बार अवार्ड नहीं दूंगा…’- कृष्णा चौहान (आयोजक)
‘गिफ्ट और लंच चाहिए तो टाइम से आ जाना और ठीक से खबर नहीं छापी तो अगली बार अवार्ड भी नहीं दूंगा’, साथ ही चेतावनी भी है कि ‘खुद आना और अगर नहीं आए तो अवार्ड नहीं मिलेगा’ ! मुंबई की ओर से तमाम स्थानीय मीडिया कर्मियों (पत्रकारों) को उनकी औकात दिखाने वाला यह आमंत्रण-पत्र आया है एक सम्मान समारोह के आयोजक कृष्णा चौहान का… जी हां, धमकी भरे इस आमंत्रण-पत्र के साथ 50 रुपिल्ली की थोक भाव मे ली गई हाथ घड़ी की फोटो भी सभी मीडियाकर्मियों को भेजी जा रही है, ताकि वे इस घड़ी और अवार्ड के लालच में टाइम से आ जाएं !
आपको बता दें कि इस कार्यक्रम का आयोजक कृष्णा चौहान है, जो अब की बार महात्मा गांधी जी के जन्मदिन यानी 2 अक्टूबर के अवसर पर जुहू (मुंबई) में महात्मा गांधी रत्न सम्मान करने का आयोजन कर रहा है। इस बकलोल ने अपने नाम का एक फाउंडेशन भी बना लिया है, नाम रखा है- कृष्णा चौहान फाउंडेशन (KCF) ! इसके तहत यह हर साल कभी ‘दादा साहेब फाल्के’ के नाम पर तो कभी ‘गांधी जी’ के नाम पर तो कभी- कभी बॉलीवुड या किसी अन्य नाम से भी अवार्ड समारोह का आयोजन कराता रहता है ।
फिलहाल ‘महात्मा गांधी रत्न सम्मान’ के नाम पर मुंबई के फ़िल्म पत्रकारों को जो आमंत्रण-पत्र भेजा गया है, उस पर नजर डालिए और सोचिए कि यह आमंत्रण-पत्र है या धमकी मंत्रण-पत्र ? कृष्णा चौहान द्वारा व्हाट्सएप किए गए इस आमंत्रण -पत्र को देख / पढ़ कर कई वरिष्ठ पत्रकार जहां बेहद नाराज़ हैं, वहीं कुछ मुखर पत्रकारों ने यहां तक कह दिया है कि ‘ आज यदि महात्मा गांधी जी जिंदा रहते तो इस धमकी मंत्रण-पत्र को कम से कम दस बार पढ़ते… और पढ़ने के बाद आयोजन को रद्द करवाने के लिए शायद अनशन पर भी बैठ गए होते !’ कुल मिला कर इस ‘आमंत्रण-पत्र’ को पढ़ने के उपरांत मुंबई के पत्रकारों में संबंधित आयोजक को ले कर गुस्से का माहौल है !
– धर्मेन्द्र प्रताप सिंह
महासचिव, न्यूजपेपर एंप्लॉईज यूनियन ऑफ इंडिया (न्यू इंडिया)
मोबाइल: 9920371264