भोपाल । डिजिटल प्रेस क्लब एवं पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स एन्ड इंडस्ट्री के संयुक्त बैनर तले भोपाल के एक होटल में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें ‘डिजिटल मीडिया और बदलता मध्य प्रदेश विषय’ पर वरिष्ठ पत्रकारों और अतिथियों ने प्रकाश डाला। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया में फेक न्यूज़ पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आज यहां भाजपा के नेताओं को मौजूद होना चाहिए था।
आजतक डिजिटल के संपादक पाणिनि आनंद ने कहा कि देश की मीडिया में जो सर्वोत्तम है वो जीवित रहेगा। डिजिटल ने पत्रकारिता के पांडित्य से लोगों को बाहर निकाला है। ये कहना गलत है कि डिजिटलइन संक्रमण आ गया है। मंडल और कमंडल के दौर में आपने अखबारों और चैनलों का कंटेंट देखा होगा। वो भी संक्रमित थे।
डिजिटल ने ज्यादा आलोचनात्मक रूप से विषयों को उठाया है। स्वतंत्र मीडिया साइट्स पर ज्यादा गंभीर कंटेंट आपको मिलेगा। दुनियाभर में डिजिटल को कन्ट्रोल करने का एकाधिकार है। सोशल मीडिया का कंट्रोल सत्ता के पास नहीं जाना चाहिए। इसका नियंत्रण कुछ विषय विशेषज्ञों को दिया जाए। आने वाले सालों में दुनिया की सबसे बड़ी पूंजी डेटा होगा। मौजूद और पुरानी सरकारों ने उदासीन रवैया दिखाया। आज विरोध में आवाज उठाने पर खतरा है। हम सब बिना वेतन के गूगल और ट्विटर के नौकर हैं। मोबाइल में सब एग्री करने से गूगल को डेटा मिल रहा है। हम डिजिटल दुनिया के अवैतनिक श्रमिक बन कर रह गए हैं।
वरिष्ठ पत्रकार अमृता राय ने सोशल मीडिया और डिजिटल साक्षरता विषय पर कहा कि सूचना की सत्यता परखने के लिए हमें कई अखबार पढ़ने की जरूरत है। अखबार सूचनाओं का गेटवे बन गया था। लेकिन सोशल मीडिया ने आकर गेटवे तोड़ दिया। यहां कोई भी सूचनाएं शेयर कर सकता है। ऐप्स के जरिये हम एक डेटा पॉइंट में तब्दील हो रहे हैं।
सोशल मीडिया के जरिये सूचनाओं के कंट्रोल को तोड़ा गया था, लेकिन आज ये खुद अपने डेटा की सुरक्षा ले लिए लड़ रहा है। कंपनियो ने आपकी पसंद के अनुसार कंटेंट को नियंत्रित कर दिया है और कंपनियां आपको वही कंटेंट दिखा रही हैं जो आप देखते रहे हैं। अगर हम डिजिटली साक्षर नहीं हुए तो देश में आर्थिक मंदी होगी और सरकारें कहती रहेंगी कि फिल्में 120 करोड़ का काम रहीं हैं तो मंदी कहाँ हैं। डिजिटल प्रेस क्लब लोगों को साक्षर और अपग्रेड करे। मैं भी आपके साथ आने के लिए तैयार हूं।
वरिष्ठ पत्रकार पंकज पचौरी ने फेक न्यूज़ पर कहा कि फेक न्यूज़ डिजिटल के दौर का अंधकार है। देश में 110 करोड़ फोन हैं जिनमें 60 करोड़ स्मार्टफोन हैं। देश इन 25 करोड़ 60 लाख लोग मोबाइल इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं। पेटीएम और वॉट्सएप्प अपने 35 करोड़ मोबाइल यूजर होने का दावा करते हैं।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है। यहां 12 हजार 500 करोड़ का सालाना ऐड कलेक्शन है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इंटरनेट राजनीति का सबसे बड़ा दुश्मन बनने जा रहा है। भारत सरकार के कई एप्प अमेरिकन कंपनियों के प्लेटफॉर्म पर हैं, क्योंकि हमारे पास सर्वर नहीं हैं। इसलिए इसे रेगुलेट करना मुश्किल है। डेटा के बाजार में भारत सरकार कंपनियों को आमंत्रित कर रही हैं। उन्हें रेगुलाईजेशन से कोई मतलब नहीं हैं क्योंकि प्रोपेगेंडा के लिए उनके अपने हित हैं।
फ़िनलैंड दुनिया का इकलौता देश है जिसने इंटरनेट को मौलिक अधिकारों में शामिल किया है। उनका देश फेक न्यूज़ से मुक्त हो चुका है। 1) भारत सरकार भी इंटरनेट को मौलिक अधिकार बनाए। 2) स्कूलों में इंटरनेट और फेक न्यूज़ के प्रति बच्चों को शिक्षित किया जाए।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, जनसम्पर्क मंत्री पीसी शर्मा, जनसंपर्क आयुक्त पी नरहरि, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे वरिष्ठ पत्रकार पंकज पचौरी, आजतक डिजिटल के संपादक पाणिनी आनंद, वरिष्ठ पत्रकार अमृता सिंह के अलावा सैकड़ों की संख्या में मीडिया के जानकार और पत्रकार मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डिजिटल प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजेश भाटिया और आभार सचिव विनय द्विवेदी ने किया। कार्यक्रम में पी एच डी चैम्बर आफ कामर्स एन्ड इन्डस्ट्री के प्रवीण आचार्य और सीनियर रेसिडेंट ऑफिसर अनिरुद्ध दुबे ने आगे और भी डिजीटल साक्षरता पर केंद्रित कार्यशाला करने का भरोसा दिया।