कहते हैं संगठन में ही शक्ति है. पर मीडिया फील्ड में काम करने वालों के बीच आपसी एकता, आपसी संगठन बहुत कम है. जहां जहां ये संगठन की शक्ति दिखती है वहां वहां फैसला आम मीडियाकर्मियों के हक में होता है. मुंबई में ऐसा ही हुआ.
मुंबई से प्रकाशित डीएनएन अखबार के प्रबंधन ने एक दिन अचानक सबकी छंटनी की घोषणा कर दी. अखबार प्रबंधन ने औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के सेक्शन 25-N के तहत प्रार्थना पत्र देकर छंटनी की थी. पर बाद में कोर्ट में ये अप्लीकेशन रिजेक्ट हो गया.
कानूनी न्यायिक लड़ाई के साथ साथ आपसी बातचीत का दौर भी चलता रहा. आखिरकार प्रबंधन और कर्मियों में सहमित बन गई. अंग्रेजी अखबार डीएएन के प्रबंधन ने छंटनी के शिकार कर्मियों को 5 करोड़ 22 लाख रुपये देने का फैसला किया है.
इस राशि में मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से एरियर भी जोड़ दिया गया है ताकि हर मीडियाकर्मी को सात लाख से लेकर ग्यारह लाख रुपये तक एरियर मिल सके.
देखें सेटलमेंट संबंधी प्रेस रिलीज-
One comment on “मीडियाकर्मियों की संगठित लड़ाई रंग लाई, डीएनए प्रेस वर्कर्स को मिलेगा सवा पांच करोड़ रुपये!”
ये सभी पत्रकार भाईयों के लिए अच्छी खबर है। क्योंकि इससे पत्रकारों की एकता भी देखने को मिला और डीएनए संस्थान पत्रकारों के सामने झुका। इसके लिए भड़ास भी बधाई का पात्र है क्योंकि वह अकसर पत्रकारों के विषयों को उठता रहा। आज जब नेताओं से नौकरशाह अपने लोगों के पत्र में खड़े हो जाते हैं। वहीं वो पत्रकार जो दुनिया की आवाज बनता है, अपने लोगों के पक्ष में खड़ा नहीं होता है।
धन्यवाद
संपादक
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