श्रीप्रकाश दीक्षित-
यूपी के फर्रुखाबाद की डाक्टर कोमल यादव के साहसिक और प्रेरक कदम पर राजस्थान के देवेन्द्र सुथार की मर्मस्पर्शी फेसबुक पोस्ट को शेयर करते ही इस पर कमेंट करने और शेयर करने वालों का तांता लग गया है. इनमे मध्यप्रदेश में डीजी रहे मान्यवर विजय रमण भी शामिल हैं. पर ये घटनाक्रम आज का नहीं है. मैटर पुराना है. पहले मूल पोस्ट और तस्वीर देखें-
अपना अपना भाग्य-माँ ने छोड़ा, डाक्टर माँ मिली
जन्म देते ही जुड़वाँ बेटियों को माँ ने ठुकरा दिया तो उसका इलाज करने वाली अविवाहित महिला डॉक्टर डॉ. कोमल यादव ने उन्हें अपना लिया। अस्पताल प्रबंधन ने समझाया लेकिन उसने एक नहीं सुनी। सभी औपचारिकताएं पूरी कर सोमवार को वह दोनों बेटियों को लेकर अपने गाँव पहुँची तो पूरे गाँव ने उसे हाथोंहाथ लिया। बेटी बचाने की यह मिसाल पेश की है गुलावठी के गाँव ईसेपुर निवासी सीताराम यादव की 29 वर्षीय अविवाहित बेटी डॉ. कोमल ने…
डॉ. कोमल यादव वर्तमान में फर्रुखाबाद के एक निजी अस्पताल में तैनात हैं। डॉक्टर कोमल के मुताबिक उनकी ड्यूटी के दौरान 10 दिन पहले एक महिला ने अस्पताल में जुड़वाँ बेटियों को जन्म दिया था। उनका कहना है कि वो शादी भी उसी से करेंगी जो इन दोनों बच्चियों को अपनाएगा..
अब जानिए असली कहानी. उपरोक्त तस्वीर व खबर पांच साल पहले की है. ताजी सूचना ये है कि महिला डाक्टर ने शादी तो की लेकिन जब उस पर खुद का बच्चा पैदा करने का दबाव पड़ा तो उसने पति को छोड़ दिया. महिला डाक्टर आज भी इन जुड़वा बेटियों को पाल-पोस रही है.
इस बारे में पूरी खबर अमर उजाला कानपुर में प्रकाशित हुई है.
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