चुनाव आयोग ने गुरूवार को इलेक्टोरल बॉन्ड के आंकड़े अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिए हैं. आंकड़ों के मुताबिक जिन कंपनियों और व्यक्तियों ने चुनावी बॉन्ड खरीदकर राजनीतिक दलों को दान दिया उनमें अडानी ग्रुप और रिलायंस का नाम शामिल होना नहीं बताया जा रहा है.
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चुनाव आयोग द्वारा पब्लिश आंकड़ों के अनुसार, टॉप खरीदारों में भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस, डीएलएफ, मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रासट्रक्चर लिमिटेड भी शामिल हैं.
आर्सेलर मित्तल के कार्यकारी अध्यक्ष लक्ष्मी निवास मित्तल का नाम भी चुनावी बॉन्ड खरीदने के तहत एक व्यक्ति के रूप में दर्ज है.
दानदाताओं में ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल एंटरप्राइजेज, टोरेंट पॉवर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, वेदांता लिमिटेड, अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, पीवीआर, केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन और सन फार्मा व अन्य कुछ टॉप खरीदार हैं.
इसके अलावा फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज (पहले मार्टिन लॉटरी एजेंसीज के नाम से जाना जाता था). इसके मालिक सैंटियागो मार्टिन हैं. यह एक लॉटरी कंपनी है जिसकी मार्च 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच की गई थी. इसने दो अलग-अलग कंपनियों के तहत 1,350 करोड़ रूपये से अधिक के चुनावी बॉन्ड खरीदे थे.
हैदराबाद की मेघा इंजीनियरिंग ने कई बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के अनुबंध हासिल किए हैं. इसने 966 करोड़ रूपये के बॉन्ड खरीदे. मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड एक गैस कंपनी है, जिसके मालिक पीपी रेड्डी हैं.
मुंबई बेस्ड क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड ने 410 करोड़ रूपये कीमत के बॉन्ड खरीदे.
अनिल अग्रवाल की वेदांता लिमिटेड ने 398 करोड़ रूपये कीमत के बॉन्ड खरीदे, जबकि सुनील मित्तल की तीन कंपनियों ने मिलकर 246 करोड़ रूपये के बॉन्ड खरीदे थे.
स्टील मैग्नेट लक्ष्मी निवास मित्तल ने अपनी पर्सनल क्षमता के तहत 35 करोड़ रूपये कीमत के चुनावी बॉन्ड खरीदे.
इन समेत किरण मजूमदार शॉ, वरूण गुप्ता, बीके गोयनका, जैनेंद्र शाह और मोनिका के नाम वाले एक व्यक्ति ने बॉन्ड खरीदा. जो ECI की वेबसाइट में दर्ज है.
न्यूज़ 24 के पत्रकार प्रभाकर मिश्रा लिखते हैं, “जो कम्पनी ED, IT के रडार पर थी, चंदा देने वाली लिस्ट में सबसे उपर है. 1368 करोड़ का. ये ED, IT वाकई बहुत पॉवरफुल है!”