देश की जनता ने जिस आदमी को करप्शन मिटाने के लिए चुना वो ही सरकारी प्रोजैक्ट्स के बदले हज़ारों करोड़ रुपये की वसूली करने लगा. सत्ताधारी पार्टी ने कैसे प्राइवेट कंपनियों के कान ऐंठकर, हाथ मिलाकर, चुनावी चंदा लिया.
यूट्यूबर श्याम मीरा सिंह के इस वीडियो में विस्तार से चंदे और उसके पीछे का खेल बताया गया है.
21 मिनट की इस वीडियो में बीजेपी को सबसे ज्यादा 6061 करोड़ रूपये के इलेक्टोरल बॉन्ड चंदा मिलने की बात कही गई है. साथ ही दूसरे नंबर पर टीएमसी को मिले 1610 करोड़, कांग्रेस को 1422 करोड़, बीआरएस को 1215 करोड़, बीजद को 776 करोड़, डीएमके को 639 करोड़ और आप को मिले 65 करोड़ रूपये की कहानी है.
वीडियो में टॉप फाइव दानदाताओं का कच्चा चिट्ठा भी खोला गया है. जिनमें पहले नंबर पर फ्यूचर गेमिंग ने 1368 करोड़, मेघा इंजीनियरिंग ने 966 करोड़, क्विक सप्लाई 410 करोड़, हल्दिया का 377 करोड़ और चीनी नागरिकों को भारत की नागरिकता दिलाने वाले वेदांता ग्रुप का 376 करोड़ रूपये का इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से दिए चंदे और उसके पीछे की पूरी पोल-पट्टी खोली गई है. साथ ही एयरटेल, जिंदल स्टील समेत बाकी कंपनियों ने चंदा देकर सरकार से किस तरह लाभ उठाया श्याम ने समझाया है.
हालांकि, इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर एसबीआई ने एक चालाकी जरूर की है वो ये कि सीरियल नंबर और बॉन्ड खरीदने वालों की डिटेल नहीं है. यह कि किसने कितने बॉन्ड खरीदे और किस पार्टी को दिए साफ नहीं है. जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को सख्त दिशानिर्देश दिए हैं कि वह ये सभी डिटेल्स चुनाव आयोग को उपलब्ध कराए.
देखिए ये वीडियो और इलेक्टोरल बॉन्ड के पीछे का पूरा खेल समझिए…