देश भर में स्वराज अभियान के बैनर तले भूमि अधिग्रहण कानून रद्द करने के लिए 10 अगस्त को देश भर से आए किसान संसद का घेराव करेंगे. इस अभियान में देश भर से 50 हजार लोग शामिल हो रहे हैं. आज गुजरात से भी दिल्ली संसद का घेराव करने के लिए गुजरात से कई किसान दिल्ली कूच कर गए हैं. यह घोषणा आज स्वराज अभियान से जुड़े गुजरात के प्रवक्ता प्रवीण मिश्रा ने दी.
इस अभियान में खास बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह क्षेत्र वड़नगर की मिट्टी मटके में लाई जा रही है और यह मिट्टी वड़नगर के हिन्दू और मुस्लिम ने मिलकर एकत्रित की है. सद्भाव के प्रतीक के तौर पर इस माटी के घड़े की भी प्रदर्शनी की जाएगी.
गुजरात के किसान नेता भरतसिंह झाला ने बताया कि इस आंदोलन मे चार मांगें रखी गई हैं। पहली, देश में भूमि अधिग्रहण कानून रद्द किया जाए, दूसरी पिछले 18-19 साल से 3 लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं, जिससे परिवार का गुजारा चलाने में उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, आत्महत्या किए परिवार के 5 लोगों को गुजारे के लिए 15 हजार रुपए दिए जाएं, भूमिहीन किसानों को दो एकड़ जमीन दी जाए और प्राकृतिक आपदा के दौरान किसानों को समय पर मुआवजा दिया जाए.
झाला ने बताया कि गुजरात से करीबन 300 गांवों की मिट्टी ले जाई जा रही है. गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी से अलग होकर योगेन्द्र यादव, प्रशांतभूषण, प्रो. आनंदकुमार आदि जुड़ गए थे. भूमि अधिग्रहण के खिलाफ उनकी लंबी लड़ाई चल रही है.
किसान नेता विपिन पटेल ने बताया कि वह देश भर में दौरा कर इन किसानों को एक बैनर तले एकत्रित करने का काम कर रहे हैं. इस आंदोलन में भूमि सुधार आंदोलनकर्ता वी.राजगोपालन भी शामिल होगें. सूत्र बताते हैं कि किसानों का मुद्दा लेकर स्वराज अभियान से जुड़े लोग अपनी खोयी हुई राजनीति की तलाश कर रहे हैं। इसीलिए ऐसा समझा जा रहा है कि अगर उन्हें इस मुद्दे से ऊर्जा मिली तो वे निकट भविष्य में अपनी नयी पार्टी बना सकते हैं.
लेखिका उषा चांदना से संपर्क : ushachandna55@gmail.com