सुनीलम-
मैं अभी भाषण सुन रहा हूं ,जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा कह रहे हैं कि महात्मा गांधी के पास कोई डिग्री नहीं थी। उन्होंने कानून की कोई डिग्री प्राप्त नहीं की थी। यह उन्होंने तब बोला जब वे छात्र छात्राओं को सत्य के साथ खड़े रहने का सबक दे रहे थे। यह गांधी जी के बारे में भ्रम फैलाने का सुनियोजित प्रयास है। गांधी जी को अपमानित करने के लिए उन्हें माफी
मांगनी चाहिए। देखिए गांधी जी की पढ़ाई लिखाई के बारे में कुछ तथ्य-


डॉ राकेश पाठक-
मनोज सिन्हा बोले: गांधी जी के पास कोई डिग्री नहीं थी.!
कोई बतलाओ उन्हें कि गांधी बैरिस्टर थे।
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि महात्मा गांधी के पास कोई डिग्री नहीं थी। सिन्हा आज ITM विश्वविद्यालय ग्वालियर डॉ राम मनोहर लोहिया व्याख्यान माला को संबोधित कर रहे थे।
यह जानकारी पूर्व विधायक और हमारे मित्र डॉ सुनीलम Sunilam ने अभी फेसबुक पर साझा की है। वे समारोह में मौजूद हैं।
मनोज सिन्हा जी को शायद ये नहीं मालूम होगा कि गांधी जी ने सन 1888 में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन(UCL) में कानून की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया था। वे वहां से 1891 में लॉ की डिग्री लेकर निकले थे।
गांधी जी दक्षिण अफ्रीका भी डिग्रीधारी बैरिस्टर की हैसियत से ही गए थे। गुजरात के कारोबारी दादा अब्दुल्ला उन्हें अफ्रीका ले गए थे। अगर डिग्री न होती तो गांधी जी बैरिस्टर की हैसियत से किसी अदालत में खड़े नहीं हो सकते थे।
हमने डॉ सुनीलम से आग्रह किया है कि आपको समारोह में ही खड़े होकर सिन्हा के झूठ का प्रतिवाद करना चाहिए।
अनिल जैन-
कैसे कैसे ऐसे वैसे हो गए
ऐसे वैसे कैसे कैसे हो गए
जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज ITM युनिवर्सिटी, ग्वालियर में राममनोहर लोहिया स्मृति व्याख्यान देते हुए महात्मा गांधी के बारे में अपने अद्भुत ज्ञान का परिचय दिया. छात्र-छात्राओं को सत्य बोलने सीख देते हुए सिन्हा ने फरमाया कि गांधी जी के पास कोई डिग्री नहीं थी.
हैरानी की बात है कि सिन्हा जी बनारस हिन्दू युनिवर्सिटी (BHU) से उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्ति हैं, इसके बावजूद उन्हें यह तथ्य मालूम नहीं है कि गांधी जी ने सन 1888 में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) में कानून की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया था. वे वहां से 1891 में लॉ की डिग्री लेकर निकले थे और दक्षिण अफ्रीका भी डिग्रीधारी बैरिस्टर की हैसियत से ही गए थे.
गांधी जी की शिक्षा संबंधी यह जानकारी स्कूली पाठ्य पुस्तकों में भी वर्षों से दी जाती रही है.
बहरहाल हैरानी की बात यह भी है कि सिन्हा जी जब महात्मा गांधी से संबंधित ‘अद्भुत जानकारीयुक्त’ व्याख्यान दे रहे थे, तो वहां गांधी-लोहिया को मानने वाले कई महानुभाव मौजूद थे, लेकिन किसी ने भी सिन्हा जी को उनकी इतनी बड़ी गलतबयानी या झूठ पर टोका नहीं. यानी सब मुग्धभाव से उप राज्यपाल जी का प्रवचन सुनते रहे.