गंगा नदी में बह रहा है गंदे सीवर का पानी… माँ गंगा अपनी बदहाली के लिए बहा रही आँसू, नहीं सुन रहे उनके बेटे… याद कीजिए नरेंद्र मोदी का यह कथन… ”न तो मैं आया हूं और न ही मुझे भेजा गया है। दरअसल, मुझे तो मां गंगा ने यहां बुलाया है। यहां आकर मैं वैसी ही अनुभूति कर रहा हूं, जैसे एक बालक अपनी मां की गोद में करता है।” आज से 3 वर्ष पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने ये बातें वाराणसी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने के वक्त कहा था।
नरेन्द्र मोदी ने बनारस के लोगों को भरोसा दिलाया कि वे गंगा को साबरमती से भी बेहतर बनाएंगे। लेकिन 3 वर्ष बीतने के बाद भी माँ गंगा अपनी बदहाली के आंसू बहा रही है और माँ का बेटा कुछ कर नहीं पा रहा है। मोदी तो मोदी, योगी भी सत्ता में आए तो उनकी प्रियारिटी में गंगा नदी नहीं दिख रही हैं। गंगा की दुहाई दे देकर तरह तरह की बातें कहने बताने वाले भाजपा के बड़े बड़े नेता फिलहाल गंगा दुर्दशा पर चुप्पी साधे हैं। अरबों खरबों रुपये का गंगा सफाई का बजट कहां जा रहा है, यह सबको पता है।
वाराणसी की असी व वरूणा नदियां अब नाले के रूप में परिवर्तित हो चुकी हैं। इन नालों का गंदा पानी सीधे गंगा में गिर रहा है। इसके अलावा आज भी दर्जनों नाले का पानी गंगा में सीधे गिर रहा है और गंगा के कल-कल बहती निर्मल धारा को प्रदूषित कर रहा है। गंगा स्वच्छता के नाम पर नमामि गंगे जैसी संस्था बना कर हजारों करोड़ रुपये पानी की तरह बहाया गया लेकिन गंगा के पानी को निर्मल नहीं बनाया जा सका। यहां तक कि गंगा को जीवित प्राणी का दर्जा भी दिया गया लेकिन गंगा आज भी दम घुट-घुटकर मर रही है। आज प्रदेश में योगी सरकार और केन्द्र में मोदी सरकार है लेकिन गंगा की हालत पहले से बदतर होती जा रही है। देखना होगा गंगा के नाम पर राजनीति करने वाले 2019 तक माँ गंगा की बदहाल स्थिति को सुधार पाते हैं या नहीं।
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विकास यादव
वाराणसी
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