प्रवीण बाग़ी-
यह तस्वीर बिहार के पत्रकार स्व. विमल यादव की है। आज सुबह 5.30 बजे के करीब अपराधियों ने उनके घर में घुसकर गोली मार दी। वे अररिया के रानीगंज में दैनिक जागरण के संवाददाता थे।
कुछ वर्ष पूर्व उनके भाई गब्बू यादव की हत्या कर दी गई थी। उस केस में विमल गवाह थे। उनकी गवाही होनेवाली थी। अपराधियों ने गवाही न देने की चेतावनी दी थी। लेकिन वे डरे नहीं। इसी क्रम में उनकी हत्या कर दी गई।

यह घटना न्यायपालिका और सरकार दोनों के लिए बड़ी चुनौती है। जब गवाही ही नहीं होने दी जाएगी, गवाहों की इस तरह हत्या होगी तो न्याय कैसे मिलेगा? अपराधियों को सजा कैसे मिलेगी ?
मैसेज साफ है, अपराधी बेखौफ हैं। उन्हें न पुलिस का डर है, न सजा मिलने का। न्याय का शासन दम तोड रहा है।
दो दिन पहले समस्तीपुर में पशु तस्करों ने ओपी प्रभारी नंदकिशोर यादव की गोली मार कर हत्या कर दी थी। इसके बाद भी मुख्यमंत्री नीतीश जी कह रहे हैं कि बिहार में अपराध कम हुआ है।
विमल जी को श्रद्धांजलि देता हूं और उनके परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। सरकार उनके बच्चों की पढ़ाई का खर्च वहन करे और पत्नी को 10 लाख रुपए मुआवजा दे। साथ ही साथ अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार कर स्पीडी ट्रायल से सजा दिलाई जाए। नीतीश जी से प्रार्थना है कि वे 2005 वाले रूप में आएं और बिहार को अपराधी मुक्त करें।
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