गोरखपुर प्रेस क्लब चुनाव को स्थगित कर दिया गया है। कारण यह बताया जा रहा है कि रिसीवर को अब तक मात्र बीस हजार रुपये मिले है और चुनाव कराने के लिए कम से कम अस्सी हजार से एक लाख रुपये की आवश्यकता है।
तमाम बड़े बड़े मठाधीशों के होते हुए भी मात्र अस्सी हजार रुपये के लिए चुनाव स्थगित हो जाना या जानबूझकर कराया जाना बड़ा अटपटा सा लगता है।
कौन नही जानता कि यहाँ बिराजे एक एक मठाधीशों के लिए अस्सी हजार तो मात्र उनकी जेब झाड़ देने से गिर पड़ते हैं। अब असलियत से परे गेम क्या है और गेमचेंजर कौन है ये तो रसूल ए पाक जाने!
देखें पत्र-
