अभिषेक श्रीवास्तव-
गुजराती का एक बड़ा अखबार, गुजरात के विधानसभा चुनाव के बीचोबीच अपने अहमदाबाद के संस्करण में बनारस की एक निचली अदालत के कहे को सबसे बड़ी खबर के रूप में क्यों छाप रहा है? क्या लेना देना गुजरातियों का बनारस और ज्ञानवापी से, जब उनके सिर पर मतदान खड़ा हो? जबकि आज से ही भाजपा के बड़े नेताओं की कार्पेट बॉम्बिंग की तर्ज पर रैलियां शुरू हो रही हों? वो भी मोरबी से?

सत्येंद्र पीएस- ये बहुत दुष्ट हैं और बड़ी समस्या यह है कि निम्न कही जाने वाली जातियों को बहुत जहरीला बना चुके हैं।
विभांशु केशव- निम्नांकित को काउंटर करने के लिए के लिए कुछ तो करना पड़ेगा ग्रू।
