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रोहतक में अखबार विक्रेताओं की हड़ताल से व्यापारियों को दोहरा झटका

रोहतक शहर के अखबार विक्रेता अपनी मागों को लेकर तीसरे दिन भी हड़ताल पर बैठे रहे। इस हड़ताल के चलते समाचारपत्र कम्पनियों के पसीने छूट गए हैं। आलम ये है कि शहर के मुख्य चौराहों तथा पार्कों में अखबार के प्रतिनिधि खुद जाकर लोगों को अखबार बाँट रहे हैं। कमीशन बढ़ाने की मांग को लेकर वेंडर्स आज भी टस से मस नहीं हुए। इससे आज भी शहर के दुकानों तथा घरों में अखबार नहीं पहुंच पाया।

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रोहतक शहर के अखबार विक्रेता अपनी मागों को लेकर तीसरे दिन भी हड़ताल पर बैठे रहे। इस हड़ताल के चलते समाचारपत्र कम्पनियों के पसीने छूट गए हैं। आलम ये है कि शहर के मुख्य चौराहों तथा पार्कों में अखबार के प्रतिनिधि खुद जाकर लोगों को अखबार बाँट रहे हैं। कमीशन बढ़ाने की मांग को लेकर वेंडर्स आज भी टस से मस नहीं हुए। इससे आज भी शहर के दुकानों तथा घरों में अखबार नहीं पहुंच पाया।

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अखबार कम्पनियों की तरफ से देर रात तक वेंडर्स को मनाने की कोशिशें चलती रही, लेकिन सुबह तक कोई बीच का रास्ता नहीं निकल पाया। इसके चलते वेंडर्स ने आज भी अखबार बांटने से इन्कार कर दिया। वेंडर्स की हड़ताल के चलते हरिभूमि, जागरण, भास्कर जैसे बड़े समाचारपत्रों में आज केवल नाममात्र विज्ञापन छपे हैं। इस विवाद के चलते सबसे ज्यादा परेशानी उन व्यापारियों को उठानी पड़ रही है जिन्होंने हजारों रूपए देकर दिवाली पर अखबारों में विज्ञापन बुक करवाए थे, पर दिवाली के दिन उनके अरमानों पर पानी फिर गया। अब ना तो कम्पनियाँ उनके पैसे वापिस दे रही हैं ना ही उनका विज्ञापन दोबारा छापने की बात कह रही हैं।

सुबह 6:15 बजे तक की खबर के मुताबिक आज कई अखबारों की छपाई या तो हुई ही नहीं या बेहद कम हुई। इससे अखबारों को रोजाना लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। आपको बता दें कि कुछ महीने पहले लखनऊ के अखबार विक्रेताओं ने भी इसी तरह कई दिनों तक हड़ताल जारी रखी थी।

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पूरे प्रकरण को समझने के लिए इसे भी पढ़ें…

 

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