बिहार और झारखण्ड में हिन्दुस्तान और प्रभात खबर जैसे अखबारों में भड़ास4मीडिया डॉट कॉम को देखने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. जो कोई अपने मोबाईल पर भी इसे देखते पाया जायगा उसके खिलाफ कारवाई की चेतावनी मौखिक रूप से दे दी गयी है. इन अखबारों के आफिसों में रखे कंप्यूटरों पर भड़ास को पहले से ही बैन किया हुआ है. मजीठिया वेज बोर्ड संबंधी खबरों और इन अखबारों की मदर कंपनियों के खिलाफ खबरों के लगातार प्रकाशन और मैनेजमेंट की काली करतूतों का भंडाफोड़ करने से भड़ास पर प्रतिबंध लगाया गया है.
प्रबंधन को शायद यह नहीं पता कि जिन चीजों पर जितना ज्यादा प्रतिबंध लगाया जाता है, उनको देखने पाने की अकुलाहट उतनी ही बढ़ जाती है. लोग आफिस में भड़ास नहीं देखेंगे पढ़ेंगे तो घर आकर देखेंगे पढ़ेंगे. इस कदम से इन अखबारों का अलोकतांत्रिक चरित्र सामने आता है. जो खुद अभिव्यक्ति की आजादी की दुहाई देकर अपना बचाव करते रहते हैं वही अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटने पर आमादा हैं.
एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
Comments on “‘हिन्दुस्तान’ और ‘प्रभात खबर’ अखबारों में भड़ास पर लगा प्रतिबन्ध”
jab jab pyar pe pahra hua hai, pyar aur bhi gehra gehra hua hai.