Connect with us

Hi, what are you looking for?

उत्तर प्रदेश

यूपी के किसानों की जमीन कब्जाए बैठे IFFCO गैंग ने अदालत को भी ठेंगा दिखा दिया!

फको माफियाओं का एक और कारनामा सामने आया है. मामला जमीनों पर अवैध कब्जे से जुड़ा है. इन रसूखदार इफको माफियाओं की हिमाकत इतनी बढ़ गई है कि इनके आगे सरकार और अदालत भी हांफती हुई नजर आ रही है. 

इफको ने किसानों की कई बीघा जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है. प्रकरण बरेली के आंवला सयंत्र का है. यह तब है जब हाई कोर्ट किसानों के पक्ष में डिसीजन दे चुका है. लेकिन प्रशासन किसानों को जमीन दिलाना तो दूर इफको अधिकारियों के दबाव में मामले से संबंधित जानकारी तक नहीं जुटा रहा है. हाईकोर्ट का आदेश आए एक महीने से ज्यादा का समय हो गया लेकिन इफको गैंग और प्रशासनिक अधिकारी अपनी मनमानी पर उतारू हैं.  

Advertisement. Scroll to continue reading.

जिले के भमोरा स्थित नौगवां गांव के राम रहीश, रामनिवास, रामदास, रामवीर, धर्मवीर और भंवरपाल के अनुसार उनकी जमीन गाटा संख्या 234, रकबा 0.089 रामनगर के चकरपुर गांव में है. इस जमीन पर इफको की आंवला इकाई ने कब्जा कर रखा है.  

ओमशंकर सक्सेना निवासी सेंधा गांव का भी ऐसा ही आरोप है. उनका कहना है कि खसरा संख्या 237 के रकबा 0.3040 पर कई साल से इफको का अवैध कब्जा है. 

Advertisement. Scroll to continue reading.

इसी तरह नौगवां के वेदराम सिंह, सूरजपाल सिंह, ओमपाल सिंह, इस्लामाबाद के हिरान, वीरेंद्र सिंह यादव की खसरा संख्या 51 रकबा 0.0760, धनपाल सिंह, सुखपाल सिंह, बालिस्टर सिंह, मैना देवी, बताशो देवी के खसरा संख्या 90 रकबा 0.4470, हरपाल, योगेंद्र सिंह, मनोज कुमार, फिरोज मोहम्मद, मोनिश आदि किसानों की जमीन भी इफको के कब्जे में है. 

हाईकोर्ट ने 17 जनवरी 2024 को इस संबंध में किसानों के पक्ष में फैसला सुनाकर एसडीएम को कार्रवाई का आदेश दिया लेकिन अदालत के आदेश का अब तक पालन नहीं हुआ. किसानों का कहना है कि वे कई साल से अफसरों के चक्कर काट रहे हैं. 

Advertisement. Scroll to continue reading.

किसानों का कहना है कि एसडीएम के अलावा जिलाधिकारी बरेली से भी शिकायत की गई, लेकिन उनकी जमीन इफको के कब्जे से मुक्त नहीं कराई जा सकी है. प्रकरण में इफको के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक राकेश पुरी से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन पुरी ने फोन रिसीव ही नहीं किया. 

बता दें कि इफको का आंवला सयंत्र निर्माण 1984 में शुरू हुआ था. सयंत्र व टाउनशिप निर्माण तथा रेलवे लाइन बिछाने के लिए लगभग 1279 एकड़ जमीन ली गई. जिसमें करीब 496 एकड़ भूमि वन विभाग की, 310 एकड़ भूमि सयंत्र के आस-पास गांवों की और बाकी जमीन 851 किसान परिवारों की है. 

Advertisement. Scroll to continue reading.

इस मसले पर एसडीएम आंवला गोविंद मौर्य का कहना है कि, ‘कोर्ट ने जमीन चिन्हित करने को कहा है. जल्द ही जगह चिन्हित कराई जाएगी. यदि इफको में किसानों की जगह पाई जाती है तो किसानों के हित में कार्रवाई की जाएगी.’

ये भी पढ़ें..

Advertisement. Scroll to continue reading.

देश भर के अख़बारों में छपा IFFCO का फुल पेज विज्ञापन भड़ास की देन है!

इफको माफिया ने मीडिया का मुंह बंद करने और अपने पाप छुपाने के लिए फिर फूंका जनता का पैसा! देखें आज के अखबारों के फ्रंट पेज

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement