मैं आशुतोष चौरसिया उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर का निवासी हूं। पिछले 16 सालों से मुंबई में रह रहा हूं। मैने मुंबई में बतौर पत्रकार कई संस्थानों में काम किया है। पिता जी की तबियत ज्यादा खराब होने की जानकारी मिलने पर कुछ दिन पहले अपने घर कानपुर आया था। मेरा घर कानपुर शहर के रेलवे स्टेशन के बाहर नयागंज में है जो की उत्तर प्रदेश में उद्योग एवं व्यापार का मेन गड़ है। इस क्षेत्र के शक्कर पट्टी चौराहे पर सिर्फ हमारा पुश्तैनी घर है बाकी सिर्फ थोक व्यापार का मार्केट और बड़े उद्योगपतियों के ऑफिस हैं।
मेरे घर के सामने शहर का सबसे मेन थाना कलक्टर गंज है। शुक्रवार रात करीब 8 बजे थाना कलक्टर गंज के इंस्पेक्टर (राम जनम सिंह) अपनी टीम के साथ गश्त पर निकले। उन्होंने घर के नीचे ही खड़ी मेरे छोटे भाई की स्कूटी का चालान कर दिया। कुछ दिन पहले भी उन्होंने घर के नीचे खड़ी स्कूटी का चालान कर दिया था लेकिन फिर से हुए चालान की जानकारी होते ही मैं तुरंत उनसे मिलने गया। उनसे कहा कि सर शक्कर पट्टी मार्केट में सिर्फ मेरा ही मकान है आपने घर के नीचे खड़ी गाड़ी का चालान कर दिया आप बताओ गाड़ी कहां खड़ी करें। तो बिना कुछ सुने तुरंत मां की गाली देकर कहने लगे कि कहीं दूसरी जगह इंतजाम कर या घर के ऊपर ले जा। उनकी बात का जवाब देते हुए मैंने कहा की अगर ऐसी बात है तो पूरे क्षेत्र और झंडा चौराहे के आसपास लगी अवैध दुकानें क्यों नहीं हटवाते आप और अब तो रोड पर वाहन खड़े होने लगे वह नहीं दिखता आपको।
बस इतना बोलने पर थाना प्रभारी राम जनम सिंह को वर्दी वाला गुंडा बनने में देर नहीं लगी। उन्होंने बिना देर किए गालियों की बौछार करते हुए चौकी इंचार्ज से कहा कि इसकी गाड़ी सीज कर और इसको थाने लेकर चलो वहां इसको बताते हैं। फिर मुझे थाने बुलाया गया तो मेरी माता जी भी जिद कर के साथ में गई बस वहां पहुंचने की देरी थी थाना प्रभारी बनियान और अंगौछे में खड़े थे। जब तक मेरी मां और मैं उनसे कुछ कहते उसके पहले ही उन्होंने तुरंत हाथापाई शुरू कर दिया और साथ में चौकी इंचार्ज भी मिलकर मारपीट पर उतारू हो गए।
इसके बाद थाना प्रभारी ने बोला कि सब लोग पट्टे से मारो और इसके ऊपर क्षेत्र की सारी लूटपाट और चोरी का मुकदमा दर्ज करो ताकि यह 10 साल तक बाहर न निकल पाए। जब मेरी मां ने विरोध किया तो उनके साथ धक्कामुक्की कर थाना प्रभारी बोला कि इसको भी महिला पुलिस बुलाकर अंदर कर दो। फिर पुलिस के कुछ कर्मी सौदेबाजी पर उतर आए जो कि एक लाख रुपए की बात कही तो मैंने कहा मामला दर्ज कर दीजिए।
यह सब घटना रात करीब 9 बजे पुलिस थाने में हुई। पुलिस ने मुझे और मेरी मां को थाने में बैठाए रखा। जैसे ही पूरे मामले की जानकारी क्षेत्र के विधायक अमिताभ बाजपेई और कानपुर शहर व्यापार मंडल के नेताओं को मिली तो तुरंत सैकड़ों लोगों के साथ थाने पहुंचे। कुछ ही देर में करीब दो हजार लोगों ने थाने पहुंचकर कानपुर शहर का मेन रोड जाम कर स्थानीय पुलिस की वसूली और घूसखोरी के खिलाफ हंगामा शुरू कर दिया। इसी बीच सभी दर्जनों मीडियाकर्मी भी मौके पर पहुंच गए जिसकी जानकारी मिलते ही मौके पर पुलिस एसीपी निशांक शर्मा भी आ गए। लेकिन भीड़ जब और बेकाबू होने लगी तो विरोध प्रदर्शन को देखते हुए आसपास के थानों से पुलिस फोर्स बुलाई गई।
पुलिस के उच्च अधिकारियों ने मामले को शांत कराने का काफी प्रयास किया और क्षेत्र विधायक, व्यापारी नेताओं और मीडियाकर्मियों के साथ बैठकर पूरे मामले को समझने की कोशिश किया। विधायक और व्यापारियों ने थाना प्रभारी पर बेवजह चालान का मामला दर्ज कर अवैध तरीके से वसूली करने के कई मामले बताए। इस बीच विधायक एवं व्यापारी नेताओं द्वारा आरोप लगाने पर पुलिस की झड़प और कहासुनी भी हो गई जिससे वहां मौजूद लोग आक्रोशित हो गए।
जब मीडिया ने पुलिस प्रशासन से सवाल करना शुरू किया कि आखिर मैंने और मेरी मां ने ऐसा क्या कांड कर दिया जो कि पुलिस को इतनी रात में महिला को भी थाने में रोक कर रखना पड़ा। विधायक द्वारा सीसीटीवी फुटेज मीडिया के सामने पेश करने की बात कहने पर पुलिस खुद को फंसते हुए देख तुरंत बैकफुट पर आ गई और मेरी मां से माफी मांगने लगे। लेकिन विधायक और व्यापारी नेताओं ने अपना पक्ष रखते हुए अड़े रहे। इसी बीच पुलिस ने मुझसे दबाव बनाते हुए मामले को शांत करने का प्रयास करने की कोशिश किया लेकिन मेरे दो टूक जवाब से कोई बात नही बनी।
मामले को समझते हुए एसीपी ने खुद जांच करने और थाना प्रभारी, चौकी इंचार्ज सहित जो भी दोषी पाए जाएंगे उन सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ उचित कारवाई करने का आश्वासन दिया। जिसके तुरंत बाद मुझे और मेरी मां को तुरंत छोड़ दिया गया और सीज की हुई गाड़ी भी छोड़ दी।
देखें इस प्रकरण के वीडियो के कुछ अंश-
https://www.facebook.com/bhadasmedia/videos/1689330951479179
इस घटना को सभी बड़े और लोकल अखबारों ने छापा और न्यूज चैनल ने चलाया। लेकिन सवाल यह है कि क्या यही है योगी बाबा के उत्तर प्रदेश की उत्तम पुलिस?
एक तरफ योगी बाबा अपनी पुलिस की पीठ थपथपाते हुए तारीफ करते नही थकती वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के जाने माने शहर उद्योग व्यापार के हब कानपुर में पुलिस इतनी घूसखोर हो गई की जबरन किसी को भी किसी भी मामले में फंसाने और पैसा वसूली में दिन रात मेहनत कर लगी रहती है।
ऐसा नहीं है कि मेरा किसी राजनीतिक पार्टी, सत्ता पक्ष या प्रशासन से कोई निजी विरोध है, जबकि सभी पार्टी के कई नेताओं और प्रशासन में कार्यरत कई लोगों से काफी अच्छे एवं करीबी संबंध भी हैं। जिसको भी जानकारी मिली उन सभी ने पुलिस के इस घटिया कृत्य की निंदा करते हुए दोषी पुलिस वालों पर कार्यवाही करने की मांग की। लेकिन गलत को गलत कहना और अपने हक के लिए आवाज उठाना हर नागरिक का अधिकार है।
मेरे साथ तो क्षेत्र के विधायक अमिताभ बाजपेई, व्यापार मंडल के कई वरिष्ठ नेता भाई लोगों के साथ हजारों भाई लोगों का आशीर्वाद एवं समर्थन था तो मैं और मेरी मां घूसखोर पुलिस के प्रकोप से बच गए लेकिन लेकिन इस घटना से यह तो साबित हो गया की उत्तर प्रदेश में आम नागरिक एवं महिलाओं के साथ पुलिस का रवैया क्या है, यह जाहिर हो गया। खैर जांच जारी है, सभी लोगों का पूर्ण समर्थन है जिसका मैं दिल से आभारी हूं।
आपका,
आशुतोष चौरसिया
8574618888
acjourno@gmail.com
03 सितंबर 2023
One comment on “योगी बाबा के यूपी में पुलिस का गुंडाराज : मुंबई से कानपुर अपने घर आए एक पत्रकार की आपबीती सुनिए (देखें वीडियो)”
बड़ी अच्छी किस्मत रही आपकी । नही तो बगैर हींग फिटकिरी के पे…..दिए जाते । समझ रहे है न