Yashwant Singh : इसरो जैसी महान संस्थाओं में खुद को या खुद के बेटे-बेटियों को भेजने के बारे में हम उत्तर भारतीय परम कुशिक्षित और चरम अहंकारी लोग तभी सोच पाएंगे जब रिश्वत लेने, दलाली करने, जातिवाद फैलाने, धार्मिक पाखंडों के पक्ष में भोंकने और कुत्ते नेताओं के लिए कांव कांव करने से टाइम पाएं. मंगलयान के सफल और चमत्कारी प्रोजेक्ट में शामिल इसरो के प्रमुख लोगों में कोई उत्तर भारतीय खोजे नहीं मिलेगा…
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इसरो में जाने का मतलब होता है कि आप भविष्य के लिए काम कर रहे हैं… आप ब्रह्मांडों के अनदेखे, अनभेदे चीजों को लेकर प्लान व एक्जीक्यूट कर रहे होते हैं… यह सब करते हुए आपका ओछापन खत्म होता है, आपकी घटिया सोच नष्ट होती है और आप उदात्त व महान बनते जाते हैं… ऐसी उदात्तता जिसमें तनिक अहंकार शेष नहीं रह जाता… ऐसी महानता जिसमें किसी को छोटा मानने की सोच नहीं रह जाती…
भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह के फेसबुक वॉल से.
Comments on “हम परम कुशिक्षित और चरम अहंकारी उत्तर भारतीय…. (संदर्भ- मंगलयान प्रोजेक्ट की शीर्ष टीम में सभी दक्षिण भारतीय)”
इसरो में दक्षिण भारतीय लॉबीयिंग ग्रूप है जो बाकी जगह के भारतीयों के खिलाफ हमेशा हेय दृष्टि रखते हैं. मेरा भाई भी था वहन लेकिन उसे इतना परेशन किया गया की उसने एक निजी क्षेत्र के शोध संस्थान में शोध करना बेहतर समझा.