पत्रकार जगेंद्र हत्याकांड में नया मोड़, बाहुबलियों के दबाव में मुकर गई चश्मदीद महिला गवाह

Share the news

‘पत्रकार जगेंद्र सिंह को किसी ने नहीं जलाया, उसने ही खुद को आग के हवाले किया। इस प्रकरण में कोई हत्यारा नहीं है और न ही कोई दोषी है। सब निर्दोष हैं, न राममूर्ति वर्मा का इसमें कोई हाथ है, और न ही उनके करीबी गुफरान का, बस यही सच है, जो मैं कह रही हूं।’ ये कहना किसी और का नहीं बल्कि जगेंद्र की एक महिला सुपरिचित का है। 

पुलिस को दिए गए ताजा बयान में महिला ने यह बात कही। वहीं बुधवार को कोर्ट में भी उसका यही कलम बंद बयान दर्ज कर लिया गया। इस बात की पुष्टि खुद महिला के वकील ने की है लेकिन पेंच ये है कि बुधवार को अपने बयान से महिला कैसे पलट गई ? क्यों उसने बयान दर्ज करवाने के बाद अपने वकील से बात नहीं की ? यहां तक कि उसने मीडिया के भी किसी सवाल का जवाब नहीं दिया, क्यों ? आखिर क्यों ? वो कैसे अपने ही बयान से पलट सकती है, यहां दाल में कुछ काला जरूर है। 

जबकि महिला ने खुद मीडिया के सामने बेखौफ चीख-चीख कर कहा था कि ये सब जगेंद्र सिंह के हत्यारे हैं। इन सबने मिलकर पेट्रोल डालकर जगेंद्र को जलाया है। महिला की मानें तो ‘घटना के वक्त वो जगेंद्र सिंह के घर के बाहर थी। जगेंद्र को बचाना चाहती थी लेकिन बेरहम गुफरान ने उसका हाथ पकड़ रखा था, जैसे ही अपना हाथ छुड़ाकर वो अंदर दाखिल हुई, तब तक बहुत देर हो चुकी थी क्योंकि जगेंद्र आग की लपटों में बुरी तरह घिर चुके थे। वो अभी भी कुछ कर पाती कि उसने देखा कि कोतवाल श्रीप्रकाश राय ने जगेंद्र पर फिर से पेट्रोल उड़ेल कर आग को और भड़का दिया। इतना ही नहीं, जब कोतवाल को लगा कि मैंने ये सब अपनी आंखों से देख लिया है तो गुफरान के इशारे पर उन्होंने मुझे भी मारने के इरादे से मुझ पर भी पेट्रोल छिड़क दिया तो मैं किसी तरह से वहां से अपनी जान बचाकर भागी।’

तो आखिर कौन है वो ?  जिसकी वजह से महिला अपनी ही कही बात से पलट गई। कौन है वो जिसका खौफ उस महिला के दिल में इस कदर घर कर गया कि वो अपना ही बयान बदलने पर मजबूर हो गई। ये कोई और नहीं, बल्कि वही सफेदपोश खलनायक है, जिसका नाम है राममूर्ति वर्मा, जिसको सत्ता की हनक में कुछ भी करने से कोई गुरेज नहीं है। पहले इसने सच लिखने वाले एक ईमानदार निर्भीक पत्रकार की कलम को खरीदना चाहा लेकिन जब वो कामयाब नहीं हुआ तो उसके ही उसके ही इशारे पर उसके करीबी गुफरान ने कोतवाल श्रीप्रकाश राय के साथ मिलकर दबिश के बहाने उस निर्भीक पत्रकार को जिंदा जलाकर उसकी कलम को खामोश कर दिया। 

इसके बाद जैसे ही शहीद जगेंद्र सिंह को न्याय दिलाने के लिए कलम के सिपाहियों का काफिला इकट्ठा हुआ तो एक बार फिर हत्यारोपी राममूर्ति वर्मा ने अपना गंदा खेल खेलना शुरु कर दिया। पहले उसके गुर्गों ने जगेंद्र के परिवार को केस वापस लेने के लिए पैसों का लालच दिया, लेकिन जब वो नहीं माने तो परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिए जाने की बात कही। जब इतने पर भी वो नहीं पिघले तो उन पर मुंह न खोलने और केस को आगे ने बढ़ाने का दबाव बनाया जाने लगा। जब इतने पर भी वो कामयाब न हुआ तो उसने जगेंद्र की महिला मित्र को अपना मोहरा बनाना शुरु कर दिया, और उसको इतना डरा धमका दिया गया कि उसने दो ही दिन के भीतर अपने बयान से पलटी मार दी, और डर के मारे हत्यारों को पुलिस के सामने निर्दोष बता दिया।

लेकिन इतना सब हो जाने के बाद भी अखिलेश सरकार है कि नींद से नहीं जाग रही, शहीद पत्रकार को न्याय दिलाए जाने के बदले सरकार खुद मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने से कतरा रही है। उस पर पार्टी के वरिष्ठ नेता और मंत्रियों को ये कहते भी शर्म नहीं आ रही कि वो इस आपत्ति की घड़ी में राम मूर्ति वर्मा के साथ हैं। वे बेबाक कहते हैं कि जब तक जांच में मंत्री दोषी सिद्ध नहीं हो जाते, पार्टी की तरफ से उनके खिलाफ कोई फैसला नहीं लिया जाएगा। जबकि मरने से पहले शहीद पत्रकार जागेंद्र सिंह ने खुद अपने बयान में मंत्री राममूर्ति वर्मा, गुफरान, श्रीप्रकाश राय कोतवाल समेत पांच लोगों को दोषी ठहराया था और मामले में कार्रवाई किए जाने की मांग की थी । 

उसके कुछ दिन बाद ही जागेंद्र जिंदगी और मौत की जंग लड़ते हुए इस दुनिया से विदा हो गए, लेकिन अभी तक न तो पुलिस द्वारा हत्यारोपी मंत्री को गिरफ्तार किया जा सका है और न ही सीएम अखिलेश की तरफ से ही मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई की जा सकी है। ऐसे में मंत्री के हौसले पूरी तरह बुलंद हैं और इसी के चलते उसने एक बार फिर सत्ता की हनक दिखाते हुए जगेंद्र की महिला सुपरिचित को उसके बयान बदलने पर मजबूर कर दिया। और पुलिस भी मंत्री की कठपुतली बनकर नाचने में नहीं शरमा रही है क्योंकि यूपी में खादी और खाकी का एक अनोखा संगम देखने को मिलता है। इनके खिलाफ कुछ भी बोलने पर खामोश कर दिया जाएगा शहीद जागेंद्र सिंह की तरह।

लेखक शकुश मिश्र से संपर्क : 780491724



भड़ास का ऐसे करें भला- Donate

भड़ास वाट्सएप नंबर- 7678515849



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *