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दबंग दुनिया अखबार के मालिक किशोर वाधवानी पर पत्रकार मुक्ता पाठक ने लगाए गंभीर आरोप

प्रति,
थाना प्रभारी
महिला थाना,
भोपाल (मप्र)

विषय – ऑफिस में किए जा रहे दुर्व्यवहार और प्रताड़ना के संदर्भ में।

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महोदया,

मेरा नाम मुक्ता पाठक है और मैं दबंग न्यूज टीवी चैनल में वाइस प्रेसिडेंट के पद पर नवंबर 2015 से कार्यरत हूं। मैं इस आवेदन के माध्यम से दबंग दुनिया ग्रुप के चेयरमैन किशोर वाधवानी द्वारा लगातार दी जा रही प्रताड़ना की शिकायत करना चाहती हूं। पिछले साल दिसंबर 2018 से मुझे कार्यस्थल पर लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। चेयरमैन किशोर वाधवानी मेरे साथ गाली गलौच कर और कर्मचारियों को मेरे खिलाफ उकसाकर लगातार परेशान कर रहे हैं। मुझे जान से मारेने की धमकी दे रहे हैं।

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दरअसल, मेरा काम टीवी न्यूज कवर करने के अलावा चैनल और अखबार के लिए बिजनेस एनहेंसमेंट करना भी है। जैसा कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले मैनेजमेंट ने सभी कर्मचारियों से कहा था कि उन्हें विज्ञापन का 15 प्रतिशत कमीशन इंसेंटिव के रूप में दिया जाएगा, मैंने बीजेपी और कांग्रेस के 1 करोड़ 9 लाख रुपए के विज्ञापन संस्थान को दिए। लेकिन इसके ऐवज में मेरा 16 लाख 35 हजार 711 रुपए का इंसेनटिव कंपनी के चेयरमैन ने सीधे तौर पर देने से इनकार कर दिया। इतना हीं नहीं कंपनी को इंसेंटिव न देना पड़े इसके लिए मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया गया। जबकि मुझसे भेदभाव करते हुए मेरे सहकर्मी अजेन्द्र सिंह और सचिन केदारे को उनके काम का इंसेंटिव मैनेजमेंट ने दे दिया। इसके अलावा सभी कर्मचारियों को उनकी सैलरी भी दी जा रहा ही जबकि दिसंबर महीने से मुझे मेरी सैलरी नहीं मिली है।

हाल ही में लोकसभा चुनाव के लिए 5 अप्रैल से चैनल पर शुरू हुई कांग्रेस की कैंपन भी मेरे प्रयासों से कंपनी को मिली है। इसकी पुष्टी कांग्रेस के विज्ञापन अधिकारी और एजेंसी भी कर सकती है। इसका भी इंसेंटिव मुझे न मिल पाए इसीलिए षड़यंत्र रचते हुए मैनेजमेंट ने इसे अजय सिसोदिया और मनोहर राजपूत जो की इंदौर में कार्यरत कर्मचारी है उनके नाम पर शिफ्ट कर दिया गया। इसके अलावा और भी कई ऐसे वाकये मेरे साथ हुए हैं जो ये बताते हैं कि मुझे प्रताड़ित करने के लिए ये सब किया जा रहा है।

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1 फरवरी 2019 को जब कंपनी के चेयरमैन किशोर वाधवानी भोपाल ऑफिस आए और उन्होंने कर्मचारियों की मीटिंग ली इस दौरान उन्होंने मेरे साथ गाली गलौच कर मुझे नौकरी से निकालने की धमकी देते हुए जबरदस्ती इस्तीफा देने के लिए कहा। जब मैं चैयरमैन के दबाव में नहीं आई तो वह मेरे साथ बहस करने लगे। उन्होंने मुझे धमकाते हुए कहा कि वह मुझे भोपाल में कही भी काम करने लायक नहीं छोड़ेंगे। मेरे बड़े-बड़े नेताओं और अधिकारियों से संबंध है। मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। उन्होंने कर्मचारियों के सामने मेरा मजाक भी बनाया और कहा कि अब इसे आराम करने दो। इन सभी बातों का गवाह पूरा ऑफिस है।

इसके बाद 8 मार्च 2019 को महिला दिवस के दिन दोबारा जब किशोऱ वाधवानी भोपाल आए और मैनें उनसे अपनी सैलरी को लेकर बात की तो उन्होंने सभी कर्मचारियों के सामने एक बार फिर मेरा मजाक उड़ाया।

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दरअसल, दबंग दुनिया भोपाल के रीजनल मैनेजर अशोक राय ने जब अपने पेंडिंग बिल्स चेयरमैन को दिखाए तो उन्होंने कहा कि ठीक से चलो नहीं तो तुम्हारी भी हालत मुक्ता पाठक जैसी कर दूंगा।

इसके बाद 11 अप्रैल 2019 को एक बार फिर चेयरमैन भोपाल आए और मैंने उनसे सैलरी की डिमांड की तो मुझे फटकार लगाकर और गाली गलौच कर वहां से भगा दिया। इसके बाद मुझे 15 अप्रैल को बात करने के लिए हेड ऑफिस इंदौर बुलाया गया, लेकिन जब मैं वहां पहुंची तो मुझे घंटो इंतजार करवाया गया। इसके बाद जब मैं उनसे बात करने के लिए दबंग म्यूजिक अकादमी पहुंची तो वहां से भी मुझे झिड़क कर अगले दिन आने के लिए कहा। जब मैं अगले दिन एक बार फिर ऑफिस पहुंची तो फिर से मेरे साथ वैसा ही व्यवहार किया गया और मुझे प्रताड़ित करने के लिए घंटों इंतजार कराया गया। इसके बाद ई-मेल कर मुझे कहा गया कि 30 अप्रैल को आप कार्यस्थल पर अपना अंतिम दिन समझिए।

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इसके अलावा मेरे जूनियर मनोज राजपूत जो दबंग दुनिया अखबार भोपाल एडिसन के संपादक है लगातार फब्तियां कस कर मुझे प्रताड़ित कर रहे हैं। इसे लेकर मैंने 16 मार्च और 13 अप्रैल को मैनेजमेंट को ईमेल किया था। मैं फोन पर लगातार इस मामले की जानकारी हैड ऑफिस में देती रही हूं, जिसपर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। मनोज राजपूत लगातार जूनियर कर्मचारियों को मुझसे बात न करने के लिए कहते हैं। इतना हीं नहीं वह कर्मचारियों से यह भी कहते हैं कि तुम्हारी हालत मुक्ता पाठक की तरह हो जाएगी। मैनेजमेंट द्वारा ईमेल के बावजूद कार्रवाई न करना दर्शाता है कि मैनेजमेंट ही इस तरह का माहोल बनाने और मुझे प्रताड़ित करने के लिए प्रेरित कर रहा हैं।

इससे पहले भी कंपनी के चेयरमैन किशोर वाधवानी के खिलाफ ऑफिस की ही दो महिला कर्मचारियों ने यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था। इससे पता चलता है कि महिला कर्मचारियों के साथ दुर्रव्यवहार करना चेयरमैन किशोर वाधवानी के लिए कोई नई बात नहीं है। कार्यस्थल पर मुझे डराने के लिए घृणास्पद, भयभीत करने वाला वातावरण बनाया जा रहा है। मुझे जान से मारने की धमकी दी जा रही है। इन सभी घटनाक्रमों से मेरे स्वास्थ पर भी बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ा है। अत: मेरा आपसे निवेदन है कि आप इस विषय में दोषी लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर सख्त से सख्त कार्रवाई करें।

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महोदया,

मैंने इससे पहले 18 अप्रैल 2019 को दिए गए एक आवेदन के माध्यम से बताया था कि दबंग दुनिया ग्रुप के चेयरमैन किशोर वाधवानी मुझे लगातार प्रताड़ित कर रहे हैं। इस आवेदन के बाद मुझे लगातार इंदौर हेड ऑफिस से फोन किए जा रहे थे। चेयरमैन किशोर वाधवानी ने मुझे इंदौर ऑफिस आकर इस मामले को बातचीत कर सुलझाने के लिए मैसेज भी किया था। जब मैंने इस मैसेज का कोई जवाब नहीं दिया तो चेयरमैन किशोर वाधवानी ने इंदौर ऑफिस में कार्यरत कर्मचारी अजय सिसोदिया के फोन से कॉल कर मुझे इंदौर आने के लिए कहा।

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मुझे अकेले इंदौर जाने में असहज महसूस हो रहा था इसीलिए मैं एक लेडी कॉन्सटेबल और मेरे एक साथी के साथ 19 अप्रैल को शाम करीब 04.30 बजे इंदौर ऑफिस पहुंची। लेकिन वहां मुझे कहा गया कि चेयरमैन किसी इमरजेंसी की वजह से 5 मिनट पहले ही दिल्ली रवाना हो गए हैं। मुझे ये भी जानकारी मिली है कि चेयरमैन अपने धन बल और ताकत का उपयोग कर इस मामले में FIR दर्ज न हो इसका पूरा प्रयास कर रहे हैं। इसकी जिम्मेदारी दबंग न्यूज के एडिटर इन चीफ मनोहर राजपूत और दबंग दुनिया भोपाल के संपादक मनोज राजपूत को दी गई है। इसके लिए बकायदा 3 लाख रुपए नगद भी भोपाल ऑफिस में भेजे गए हैं। इस घटनाक्रम से साफ जाहिर होता है कि मुझे परेशान करने और प्रताड़ित करने के लिए ये सब कुछ किया जा रहा है। चेयरमैन मुझे मेरी बकाया राशि देने के बजाय FIR न हो इसके लिए अपने धन का उपयोग कर रहे हैं।

पिछले आवेदन में मैंने आपको बताया था कि मुझे ईमेल कर कहा गया है कि कार्यस्थल पर आप 30 अप्रैल 2019 को अपना आखिरी दिन समझिए। लेकिन इस आवेदन के बाद अब मुझे कहा जा रहा है कि हेड ऑफिस से 6 अप्रैल को ही आपका ट्रांसफर हो चुका है। इन सभी बातों से साफ जाहिर होता है कि मैनेजमेंट खुद ही अपनी बातों पर कायम नहीं रह पा रहा है।

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इन सभी घटनाक्रमों से मैं स्वयं को अत्यंत प्रताड़ित एवं भयभीत पा रही हूं। अत: मेरा आपसे निवेदन है कि दोषियो के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करने और मुझे न्याय दिलाने का कष्ट करें।

मुक्ता पाठक
भोपाल (मप्र)

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1 Comment

1 Comment

  1. जयराम तिवारी

    April 25, 2019 at 4:06 pm

    मैनेजमेंट का यह हथकंडा घृणित है:इसकी जितनी भी निंदा की जाय:कम है।
    मैनेजमेंट के इन धनपशुओं एवं इनके दलालो के खिलाफ कठोर कार्रवाई आवश्यक है।

  2. RAJVARDHAN SANDILYA

    February 11, 2020 at 9:48 am

    किशोर के धन बल पर शासन की मौन स्वीकृति और नपुंसकता कार्यवाही नहीं होने की दिशा को दर्शाता है समाचार लुकआउट किशोर वाधवानी के अपराधिक चरित्रों और मीडिया पावर ब्रोकरशिप के चरित्र को अपने 36 अंकों में उजागर करने का काम किया है। इसपर कार्रवाई नहीं होने की स्थिति इस बात को इशारा कर रहा है कि कहीं न कही हम सभी एकजुट नही है और हमारी संवेदना मर चुकी है

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