शिखा शालिनी-
तुम्हारा यही आखिरी पोस्ट था दोस्त, तुम इस बार दोस्तों के ग्रुप में सवालों का जवाब भी नहीं दे पाए….तुमने कॉलेज (IIMC) से निकलने के बाद बिहार के ग्रामीण इलाकों से रिपोर्टिंग करने का विकल्प चुना था। तुम बहुत अच्छा काम कर रहे थे, सरकार और प्रशासनिक तंत्र की खामियां उजागर कर रहे थे।
अपने इस आखिरी पोस्ट में भी अपने परिवार के लिए जूझते हुए आम आदमी की बदहाली ही बयां कर रहे थे और इससे ही जूझते हुए तुम चले गए दीपक।
तुमने ठीक ही तो कहा कि सरकार के लिए मरने वाले महज एक डेटा भर हैं और कुछ नहीं…..हमारे बैच का एक हिस्सा सूना हो गया Kumar Deepak!