स्पेशल सीपी जोन-1, दिल्ली और डीसीपी, विजिलेंस, दिल्ली
विषय- टार्चर करने वाले और आईफोन छीनने वाले आरोपी एसीपी संजीव कुमार, एसएचओ भारतनगर और इंस्पेक्टर सूरजपाल के खिलाफ कार्रवाई करने की शिकायत के संबंध में
महोदय,
मैं एक पत्रकार हूं. फर्जी एफआईआर को लेकर भारत नगर थाने में जांच के लिए बुलाए जाने पर जब दो अक्टूबर को मैं पहुंचा तो मेरा आईफोन छीन लिया गया. मुझे मारने पीटने की धमकी देते हुए सादे कागजों पर हस्ताक्षर कराए गए. इस दौरान जांच अधिकारी के रूप में एसीपी अशोक विहार संजीव कुमार मौजूद थे. एसएचओ के अलावा इंस्पेक्टर सूरजपाल भी मौजूद थे. इन तीनों ने मेरे साथ काफी बदतमीजी की. मैं तीस साल से मीडिया में हूं. ईमानदार जीवन जीने की कोशिश की. सच को सामने लाने का प्रयास किया. इसका नतीजा है कि आज मेरे पर दनादन फर्जी एफआईआर कराए जा रहे हैं और थाने में बुलाकर ग्रिल किया जा रहा है.
मैंने अपनी शिकायत दिल्ली पुलिस कमिश्नर के यहां भेजी थी जिसके बाद उनके ये मेल आज प्राप्त हुआ-
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Sanjay Arora
1:08 PM (5 hours ago)
to Spl, DCP, me
Respected Sir/Madam
Thanks for your E-mail. Your E-mail has been acknowledged by Commissioner of Police, Delhi and the same has been referred to the Special Commissioner of Police/L&O(ZONE-I) (his office telephone No. 23469704, 23469504, & No.23746100 Extn. No.69504 & 69804 and E-mail ID [email protected]) for further necessary action Vide Dy. No. is 80330/E-mail dated 20.09.2023.
[email protected], [email protected]
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मैंने दो अक्टूबर की रात को दिल्ली पुलिस कमिश्नर को जो शिकायत भेजी थी, वो ये है-
पुलिस कमिश्नर,
दिल्ली पुलिस
दिल्ली
महोदय, आज जांच के लिए मैं भारत नगर थाने पहुंचा जहां एसीपी संजीव कुमार की मौजूदगी में इंस्पेक्टर सूरज पाल ने मुझसे पूछताछ की और मेरे जवाबों को लिखवाया. बाद में मेरा आईफोन 11 जिसमें एयरटेल सिम 9999330099 है, को जांच के नाम पर जब्त कर लिया. लेकिन फोन जब्ती का कोई भी कागज, रसीद मुझे नहीं दिया है. मुझे आशंका है कि मेरे फोन का दुरुपयोग किया जा सकता है. मैं ये सब इसलिए आपके संज्ञान में ला रहा हूं क्योंकि पूछताछ करने वाले अधिकारी इंस्पेक्टर सूरजपाल का रवैया काफी उग्र और मारपीट की धमकियों वाला था. बिना जांच कंप्लीट हुए किसी को अपराधी मानकर ट्रीट करना बेहद शर्मनाक है. मैंने इससे पहले वाली मेल में जांच में सहयोग करने हेतु थाने पहुंचने और अभी तक एफआईआर की कापी न मिलने का जिक्र किया है.
मैं बताना चाहूंगा कि अभी भी मुझे एफआईआर की कापी नहीं दी गई है. फोन भी छीन लिया गया जिसके जरिए फर्जी साक्ष्य गढ़े जाने की आशंका है.
इसलिए त्वरित कार्रवाई करते हुए समुचित निर्देश देने की कृपा करें.
आभार
यशवंत सिंह
संपादक
भड़ास4मीडिया डाट काम
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मैंने दो अक्टूबर को दोपहर में भारत नगर थाने पहुंचकर जो मेल जांच अधिकारी व अन्य अधिकारियों को लिखा था वो ये है-
सेवा में, सहायक पुलिस आयुक्त महोदय सब डिवीजन अशोक विहार नई दिल्ली।
विषय : महोदय के हस्ताक्षरों से निर्गत नोटिस अंतर्गत धारा 41A दंड प्रक्रिया संहिता , मुकदमा अपराध संख्या 676/ 2023 अंतर्गत धारा 384 , 500, 506, 120बी भादंसं सपठित 3 (1) (r) (s) अनुसूचित जाति/जनजाति(अत्याचार निवारण) अधिनियम।
आदरणीय महोदय,
कृपया उपरोक्त विषयक अपने नोटिस दिनांकित 29 सितम्बर 2023 का सन्दर्भ लें।
मैं आज जाँच में शामिल होने के लिए भारत नगर पुलिस स्टेशन स्टेशन पहुँचा हूँ। ये मेरी जाँच में सहयोग करने की मंशा के तहत है। इसके साथ ही मैं कुछ बातें रखना भी चाहता हूँ।
इस सम्बन्ध में आपको अवगत कराना है की इसी विषय पर द्वारा पूर्व में निर्गत नोटिस अंतर्गत धारा 91 दंड प्रक्रिया संहिता दिनांकित 18 सितम्बर 2023 के तत्क्रम में मुझ प्रार्थी के द्वारा अपने अनुरोध पत्र / ईमेल दिनांकित 20 सितम्बर 2023 के माध्यम से प्रभारी निरीक्षक महोदय भारत नगर को यह अवगत कराते हुए कि उक्त मुक़दमे के सम्बन्ध में न तो मुझ प्रार्थी को संदर्भित प्राथमिकी की प्राप्ति हुई है और न ही प्रार्थी अपने विरुद्ध लगाए गए आरोपों से भिज्ञ है , ऐसी परिस्थितियों वह किस प्रकार से विवेचना में आपेक्षित सहयोग कर पायेगा , उक्त प्राथमिकी की मांग की थी ,जो अद्यतन तिथि तक प्रार्थी को अप्राप्त है।
महोदय अवगत हैं कि नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों के अंतर्गत भी बिना आरोपों की पुष्टि किये अथवा प्राथमिकी उपलब्ध कराये , जिसके अवलोकनोपरांत ही प्रार्थी महोदय के समक्ष अपने युक्तियुक्त उत्तर रखने में सफलता प्राप्त कर सकता हैं , प्रार्थी इस प्रकरण में सहयोग देने में असमर्थ होगा।
महोदय को अवगत कराना है कि प्रार्थी एक पत्रकार है जो इस कुलीन व्यवसाय से ३ दशकों से अधिक से जुड़ कर अपने प्रतिष्ठान के माध्यम से जनमानस को जागरूक करने का सफल प्रयास कर रहा है , एवं प्रार्थी की ईमानदार पत्रकारिता से कतिपय शरारती तत्व, जिनकी निजी स्वार्थसिद्धि प्रभावित होती है , वे लामबंद हो कर प्रार्थी का अनुचित रूप से उत्पीड़न कराने को प्रयासरत रहते हैं, परन्तु प्रार्थी विधि के शासन में विश्वास रखता है एवं अपने दायित्वों के निर्वहन हेतु सदैव सजग रहता है।
इन परिस्थितियों में आपसे पुनः अनुरोध है कि प्रकरण से सम्बंधित प्राथमिकी प्रार्थी को शीघ्र उपलब्ध करते हुए प्रार्थी को उक्त प्राथमिकी को अवलोकन हेतुआपेक्षित समय प्रदान करें जिससे उक्त के अवलोकनोपरान्त प्रार्थी आपके समक्ष उपस्थित हो कर वांछित प्रपत्र इत्यादि जैसे आपेक्षित हों, जमा कर उक्त विवेचना में सहयोग कर सके।
भवदीय,
यशवंत सिंह
एडिटर
भड़ास4मीडियाडॉटकॉम
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मैं चाहता हूं कि फर्जी एफआईआर दर्ज कराए जाने की जांच हो. मुझे टार्चर करने वाले अधिकारी दंडित किए जाएं. मेरा आईफोन छीने जाने का मुकदमा एसीपी संजीव कुमार, एसएचओ और इंस्पेक्टर सूरजपाल के खिलाफ दर्ज हो और इनके खिलाफ दुराचरण से संबंधित सख्त से सख्त कार्रवाई हो.
यशवंत सिंह
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