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दैनिक जागरण के महेन्द्र मोहन गुप्ता, संजय गुप्ता, आनंद त्रिपाठी, प्रशांत मिश्र चारसौबीसी के नामजद अभियुक्त बने, पुलिस जांच शुरू

The RTI reply from Kotwali Munger giving information about the F.I.R lodged against the accused persons.

दैनिक जागरण के अवैध मुंगेर संस्करण के मामले में पुलिस में प्राथमिकी दर्ज

मुंगेर (बिहार) । मुंगेर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एनके राम के आदेश पर मुंगेर कोतवाली पुलिस ने 6 मई 2020 को भारतीय दंड संहिता की धाराएं 420/ 471/ 476/ 120 (बी) और प्रेस एण्ड रजिस्ट्रेशन आफ बुक्स एक्ट, 1867 की धाराएं 5 / 6 / 8 बी /11-ए / 11-बी / 12 /13 /14/ 15ए / 16 ए /16 बी /19 सी और 22 के तहत दैनिक जागरण अखबार को प्रकाशित करने वाली कंपनी मेसर्स जागरण प्रकाशन लिमिटेड, जागरण बिल्डिंग, 2, सर्वोदय नगर, कानपुर- 208005 के संपादकीय निदेशक महेन्द्र मोहन गुप्ता, प्रधान संपादक संजय गुप्ता, मुद्रक एवं प्रकाशक (बिहार) आनन्द त्रिपाठी और संपादक बिहार और बंगाल प्रशांत मिश्र के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की है। कोतवाली में दर्ज एफआईआर का नंबर 131/2020 है। इस कांड में अनुसंधानकर्ता सब-इंस्पेक्टर दिनेश कुमार साहु ने जांच शुरू कर दी है।

पुलिस सूत्रों ने आज बताया है कि पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह और अपर पुलिस अधीक्षक हरिशंकर कुमार के निर्देश पर अनुसंधानकर्ता सब-इंस्पेक्टर दिनेश कुमार साहु ने 17 मई से इस कांड में अनुसंधान तेज कर दिया है। 17 मई को दिन में जांचकर्ता पुलिस अधिकारी ने कांड के सूचक अधिवक्ता श्रीकृष्ण प्रसाद के आवास पर पहुंचकर उनका बयान दर्ज किया। अनुसंधानकर्ता ने प्राथमिकी में अंकित आरोपों, आरोपों से जुड़े साक्ष्यों और साक्ष्यों के कानून की धाराओं के दायरे में होने की सूक्ष्मतम जानकारी सूचक से लीं।

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The Investigating Police Officer of Kotwali S.I Dinesh Kumar Sahu records the statement of the case informant ShriKrishna Prasad at his residence on May 17, 2020.

एफआईआर में अभियुक्तों के विरूद्ध संक्षिप्त में आरोपः इस कांड में सूचक अधिवक्ता श्रीकृष्ण प्रसाद ने सभी नामजद अभियुक्तों के विरूद्ध आरोप लगाया है कि द प्रेस एण्ड रजिस्ट्रेशन आफ बुक्स एक्ट, 1867 और द रजिस्ट्रेशन आफ न्यूजपेपर्स (सेन्ट्रल) रूल्स, 1956 का उल्लंघन करते हुए वर्ष 2012 से वर्ष 2020 में परिवाद-पत्र दाखिल होने की तिथि तक कंपनी के नामजद व्यक्तिगण और कंपनी के प्रबंधन, संपादकीय, विज्ञापन और सर्कुलेशन विभागों के सभी स्तर के जिम्मेदार पदाधिकारीगण और कर्मचारीगण दैनिक जागरण के भागलपुर संस्करण के लिए प्रेस-रजिस्ट्रार, भारत सरकार से आवंटित निबंधन -संख्या- BIHHIN (YEAR 2012) 47189 और निबंधन प्रमाण-पत्र को जालसाजी और धोखाधड़ी की नीयत से इसी नाम अर्थात दैनिक जागरण के बिना निबंधनवाले अवैध मुंगेर संस्करण में मुद्रित और प्रकाशित कर अवैध मुंगेर संस्करण को बिहार सरकार, केन्द्र सरकार, सरकारों के नियंत्रण में संचालित निकायों, निगमों, संस्थानों और समितियों के समक्ष निबंधित और वैध संस्करण के रूप में पेशकर प्रतिदिन वृहत पैमाने पर उन सभी सरकारी एजेंसियों से सरकारी विज्ञापन हासिल करते आ रहे हैं, उन सभी सरकारी विज्ञापनों को बिना निबंधन वाले अवैध मुंगेर संस्करण में प्रतिदिन मुद्रित और प्रकाशित करते आ रहे हैं, प्रकाशित विज्ञापनों के विरूद्ध विज्ञापन-विपत्रों को सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, पटना और अन्य सरकारी नियंत्रण वाले प्रतिष्ठानों की विज्ञापन-शाखाओं के वरीय पदाधिकारियों की मिली-भगत से पारित कराते आ रहे हैं और पारित विज्ञापन-विपत्रों के आधार पर चेक और बैंक ड्राफ्ट से सरकारी खजाने से सरकारी विज्ञापन-मद में भुगतान प्राप्त कर लाखों-करोड़ों रूपयों में अवैध ढंग से सरकारी खजाने को बेरोकटोक विगत लगभग नौ वर्षों से लूटते आ रहे हैं ।

दैनिक जागरण के फर्जीवाड़े से जुड़ी यह प्राथमिकी तीस टंकित पन्नों में दर्ज हुई है जिसमें दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में अलग से अस्सी पन्ने संलग्न हैं ।

मुंगेर से श्रीकृष्ण प्रसाद (अधिवक्ता) की रिपोर्ट.

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