गत वर्ष फरवरी में प्रिंट मीडिया में मजीठिया वेज बोर्ड सिफारिशों को सही ठहराने के बाद से सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिकाओं की बाढ़ आ गई थी, जिनमें वेज बोर्ड को लागू न करने की शिकायतें की गई थीं। पिछले माह इन याचिकाओं की संख्या अचानक बढ़ गई। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस रंजन गागोई की पीठ ने इन सभी ताजा अवमानना याचिकाओं को खारिज कर दिया है। खारिज होने वाली याचिकाओं में ‘भड़ास4मीडिया’ की तरफ से अधिवक्ता उमेश शर्मा की तरफ से दायर कोई याचिका नहीं है।
समझा जाता है कि ये याचिकाएं कुछ विज्ञापन एजेंसियों और उससे जुड़े व्यक्तियों ने दायर करवाई थीं। लेकिन जस्टिस गोगोई की पीठ के आदेश को इस तरह के दुरुपयोग और वसूली की कार्रवाई पर पूर्ण विराम के रूप में देख जा रहा है।
इस केस से जुड़े कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार ये याचिकाएं वास्तविक नहीं बल्कि अवसरवादी हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की इन टिप्पणियों से सहमति जताई कि ये याचिकाएं 28 अप्रैल के आदेश के आलोक में विलंब के कारण प्रतिबंधित हैं और पूरी तरह से व्यर्थ हैं।