चंदा कांड के नित नए रहस्य सामने आ रहे हैं. इसी कड़ी में मांस की सबसे बड़ी निर्यातक कंपनी द्वारा इलेक्टोरल बॉण्ड के जरिए दिया गया चंदा सामने आया है. वो भी तब जब इस मांस कंपनी पर जांच की आंच आई.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने अप्रैल 2019 से जनवरी 2024 तक जितने भी इलेक्टोरल बॉण्ड खरीदे और भुनाए गए उनके आंकड़े सार्वजनिक कर दिए हैं. इसे लेकर पिछले दो दिनों से पॉलिटिकल पार्टियों में खलबली मची हुई है.
चंदा देने वाली कंपनियों में एक नाम अल्लानासन्स प्राइवेट लिमिटेड और उससे जुड़ी कंपनी भी शामिल हैं. खास बात यह है कि खुद को हलाल बोलनेस भैंस के मांस के सबसे बड़े उत्पादक और निर्यातक बताने वाली अल्लानासन्स प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ी तीन कंपनियों ने 2013 से 2015 के बीच भाजपा को 2.5 करोड़ का चंदा दिया था.
11 जनवरी 2019 को प्रकाशित इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, इनकम टैक्स की मुंबई ब्रांच ने अल्लाना ग्रुप के परिसरों पर छापेमारी की थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि दो दिनों से अधिक समय तक 100 से ज्यादा इकाइयों पर रोड मारी गई. चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि अल्लानासन्स प्राइवेट लिमिटेड ने 9 जुलाई 2019 को 1-1 करोड़ के दो बॉण्ड और 9 अक्टूबर को 1 करोड़ रूपये के बॉण्ड खरीदे.
इससे जुड़ी फ्रिगोरिफिको अल्लाना लिमिटेड ने 9 जुलाई 2019 को 1-1 करोड़ के बॉण्ड, फ्रिगेरियो कंजर्वा अल्लाना ने 22 जनवरी 2020 को 1 करोड़ का एक बॉण्ड जबकि तीसरी कंपनी अल्लाना कोल्ड स्टोरेज ने 9 अक्टूबर 2019 को 1 करोड़ रूपये का एक बॉण्ड खरीदा. इस तरह कंपनी ने कुल 7 करोड़ रूपये का चंदा दिया.
यहां गौरेकाबिल बात ये है कि इलेक्टोरल बॉण्ड पर चुनाव आयोग का आंकड़ा यह नहीं बताता कि अल्लानासन्स ने किस पार्टी को 7 करोड़ रूपये का चंदा दिया है. आयोग ने दो लिस्ट जारी की हैं. पहली लिस्ट में किस कंपनी ने कब-कब कितने का इलेक्टोरल बॉण्ड खरीदा है, इसके आंकड़े हैं. जबकि दूसरी लिस्ट में किस पार्टी ने कब-कब कितने का इलेक्टोरल बॉण्ड भुनाया है इसके आंकड़े हैं.
हालांकि, महाराष्ट्र की मीट निर्यातक इस कंपनी ने बीजेपी को पहले चुनावी चंदा दिया है और इसकी जानकारी खुद बीजेपी ने चुनाव आयोग को दी थी.
इलेक्शन कमीशन को बीजेपी ने 2013-14 और 2014-15 के लिए चंदे का जो हिसाब दिया था, उसके अनुसार उसे अल्लाना ग्रुप से जुड़ी कंपनी से मिलाकर 2.5 करोड़ रूपये मिले थे.
2013-14 में अल्लाना ग्रुप से बीजेपी को 2 करोड़ रूपये मिले.
जिसमें, फ्रिगोरिफिको अल्लाना लिमिटेड से 75 लाख रूपये
फ्रिगेरियो कंजर्वा अल्लाना लिमिटेड से 50 लाख रूपये
इंडाग्रो फूड्स लिमिटेड से 75 लाख रूपये
इन तीनों ही कंपनी का पता एक ही था.
इसी तरह भाजपा को अल्लाना ग्रुप की कंपनी से 2014-15 में भी चंदा मिला था. फ्रिगोरिफिको अल्लाना लिमिटेड की तरफ से बीजेपी को 50 लाख रूपये मिले.
अल्लानासन्स प्राइवेट लिमिटेड की वेबसाइट के अनुसार कहा गया है कि, हम हलाल बोलनेस भैंस मांस के सबसे बड़े निर्यातक हैं. वेबसाइट के अनुसार साल 1865 में अल्लानासन्स प्राइवेट लि. की स्थापना हुई थी. कंपनी खुद को ब्रांडेड प्रोसेस्ड खाद्य उत्पादों और कृषि वस्तुओं की उच्च उपज के शीर्ष निर्यातक, निर्माता और आपूर्तिकर्ता बताती है. यह कंपनी भैंस का मीट, जमे हुए भैंस का ऑफल, जमे हुए और ठंडे मेमने का मीट उत्पादित करती है.