Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

देश में आर्थिक आपातकाल लगा जनता को बुरे हाल में छोड़ कर विदेश निकल लिए प्रधानमंत्री जी (देखें वीडियो)

Abhishek Sharma : मोदी जी, झांसा किसे? बहुत बड़ा अर्थशास्त्री नही हूँ, जितना आम आदमी को अर्थ की जानकारी है, हां, उससे थोड़ा 19-20 होगा ही। 24 घंटे का ड्रामा बहुत हो गया। अब आप जापान निकल लिए। ठीक है। जरुरी दौरे करें। देश तरक्की करे। आपके दौरों से इससे ज्यादा न मुझे न किसी और को कुछ चाहिए। बात अचानक नोट बंद करने की है। इतना तो मैं क्या आम आदमी भी जानता है कि देश के कुल धन का आधा टॉप 100 उद्योगपतियों के पास है। इनको सरकार नये इन्वेस्टमेंट में छूट देती है, लोन देती है, उनको कागजी मदद भी।

<p>Abhishek Sharma : मोदी जी, झांसा किसे? बहुत बड़ा अर्थशास्त्री नही हूँ, जितना आम आदमी को अर्थ की जानकारी है, हां, उससे थोड़ा 19-20 होगा ही। 24 घंटे का ड्रामा बहुत हो गया। अब आप जापान निकल लिए। ठीक है। जरुरी दौरे करें। देश तरक्की करे। आपके दौरों से इससे ज्यादा न मुझे न किसी और को कुछ चाहिए। बात अचानक नोट बंद करने की है। इतना तो मैं क्या आम आदमी भी जानता है कि देश के कुल धन का आधा टॉप 100 उद्योगपतियों के पास है। इनको सरकार नये इन्वेस्टमेंट में छूट देती है, लोन देती है, उनको कागजी मदद भी।</p>

Abhishek Sharma : मोदी जी, झांसा किसे? बहुत बड़ा अर्थशास्त्री नही हूँ, जितना आम आदमी को अर्थ की जानकारी है, हां, उससे थोड़ा 19-20 होगा ही। 24 घंटे का ड्रामा बहुत हो गया। अब आप जापान निकल लिए। ठीक है। जरुरी दौरे करें। देश तरक्की करे। आपके दौरों से इससे ज्यादा न मुझे न किसी और को कुछ चाहिए। बात अचानक नोट बंद करने की है। इतना तो मैं क्या आम आदमी भी जानता है कि देश के कुल धन का आधा टॉप 100 उद्योगपतियों के पास है। इनको सरकार नये इन्वेस्टमेंट में छूट देती है, लोन देती है, उनको कागजी मदद भी।

मगर मोदी जी उन सौ लोगों को छोड़ (देश में मौजूद) कुल रकम की आधी ब्लैक मनी के लिए पूरी जनता (सवा अरब) को आपने परेशान किया। जिनके पास देश की कुल रकम का आधा हिस्सा है क्या वह सौ लोग ईमानदार हैं? आंकड़े गवाह हैं कि सरकार भी उन्हीं सौ लोगों को पाल पोस रही है जिनके पास देश की आधी रकम है। अब बात सवा अरब लोगों की करूँ… आपने तय समय में ब्लैक मनी घोषित करने पर छूट दी। मतलब जो लुटेरे रहे हैं उनको आपने डिस्काउंट ऑफर दिया, इन लुटेरों में वह आईएएस बंसल भी हैं जिसने बेटे संग सुसाइड कर लिया आपके तोते और अध्यक्ष पर आरोप लगाकर।

Advertisement. Scroll to continue reading.

मोदी जी अब सुनिए खरी खरी… आपको आधी रकम के मालिक टॉप सौ लोग पालने पड़ रहे हैं। देश के दस हजार ब्लैक मनी वालों को आप डिस्काउंट ऑफर दे रहे हैं और वह मध्यम वर्ग जो दो जून की रोटी के लिए जी रही है उसको आप बैंक में लाइन लगवा रहे हैं? कितने मासूमो की गुल्लक फूटी, कितने गृहणियों (गृह लक्ष्मियों) की पैसे बचाने की आदत पर आपने पानी फेरा, कितने सराफा वालों ने इस रकम का सोना बेच डाला, कितने पेट्रोल पम्प वालों ने जबरन 500 का पेट्रोल डाला, काशी में चिताएं जलाना दूभर हुआ, शादी ब्याह के सीजन में परिवारों को चुनौती दी।

मेरे कहने का अर्थ यही कि आर्थिक आतंकवादियों और धन पशुओ को आप डिस्काउंट ऑफर दे रहे हैं उनकी जांच तक नही कर रहे और ड्रामा इतना कि देश भक्ति उबालें मारने लगी आपकी और हां उन लोगों की भी जो आज छुट्टा कराने को दर दर भटके। क्या आपके नये 2000₹ और 500₹ को पाकिस्तान कॉपी कर नकली करेंसी नही बना पायेगा? आपकी दिल्ली में बैठकर दस रूपये के अवैध सिक्के ढाले जा रहे थे और आर्थिक आतंकवाद बाहर से आने का रोना रो रहे हैं। माना कि उत्तरप्रदेश में चुनाव सर पर हैं सपा, बसपा को आर्थिक दिक्कतें होंगी मगर यह ख्याल आपको आया कि यहाँ छुट्टा के लिए भटक रहा वोटर भी है? नोट- यह पोस्ट भक्तों के लिए नही है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

दैनिक जागरण में कार्यरत सीनियर सब एडिटर अभिषेक शर्मा की एफबी वॉल से.

दिल्ली में जनता का बुरा हाल जानने देखने के लिए इस वीडियो को जरूर देखें :  https://youtu.be/jtQYT8xc-dY

Advertisement. Scroll to continue reading.

मजीठिया मंच : इमरजेंसी में भी प्रधानमंत्री विदेश यात्रा पर… देश में इमरजेंसी जैसी स्थिति है और हमारे प्रधानमंत्री चले जापान। पूराी आथ्र्ज्ञिक व्‍यवस्‍था दो दिन से ठप है। आम लोग परेशान हैं । 8 तारीख की घोषणाओं पर कहीं से काम नहीं हो रहा है। हर बार इस तरह के बदलाव को सह कह कर कि कुछ पेशनियां आम आदमी को झेलान हेााग। राष्‍ट्र हित में यह जरूरी है। लेकिन इस इमरजेंसी की हालत में व्‍यवस्‍था भी तो इमरजेंसी जैसी होनी चाहिए। बैंककों का दिन रात क्‍यों नहीं खोला जा सकता और आवश्‍यक स्‍थानों पर सरकार की ओर से लोगों की मदद की व्‍यवस्‍था क्‍यों नहीं है। इस पूरे प्रकारण में प्रधानमंत्री और सरकार की जिम्‍मेदारी क्‍या है। व्‍यवस्‍था को दुरुस्‍त है ही नहीं कहीं। दो दिन के बाद भी करेंसी की कोर्ठ ठोस व्‍यवसथा नहीं है। और यह मान लेना कि काला धन केवल करेंसी के रूप में है हम सबकी समझ से परे है।

फेसबुक पर बने मजीठिया मंच नामक पेज से.

Advertisement. Scroll to continue reading.

इसे भी पढ़ें :

xxx

Advertisement. Scroll to continue reading.

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement